भोपाल, अप्रैल 2015/ प्रदेश की महत्वाकांक्षी सिंचाई और जल विद्युत, ओंकारेश्वर परियोजना डूब प्रभावितों को अब तक का सर्वोत्तम पुनर्वास पेकेज सरकार ने उपलब्ध करवाया है। डूब प्रभावित परिवारों को विभिन्न मदों में कुल 153 करोड़ 4 लाख 19 हजार रुपये की सहायता मिली है। इसमें अचल सम्पत्ति के मुआवजे के रूप में 101 करोड़ 65 लाख 53 हजार रुपये, विशेष पुनर्वास अनुदान के रूप में 20 करोड़ 18 लाख 38 हजार रुपये तथा पुनर्वास और परिवहन अनुदान के रूप में 31 करोड़ 20 लाख 28 हजार रुपये दिये गये हैं। डूब प्रभावित प्रत्येक परिवार को पुनर्वास स्थलों पर 90 गुणा 60 फीट अर्थात 5400 वर्गफीट का आवासीय भू-खण्ड निःशुल्क उपलब्ध करवाया गया है। एक परिवार के प्रत्येक वयस्क पुत्र को भूखण्ड लेने की पात्रता है। भू-खण्ड नहीं लेने पर भू-खण्ड के बदले 50 हजार रुपये दिये गये हैं। जिन परिवारों ने परिवहन अनुदान नहीं लिया उन्हें अपने सामान के परिवहन के लिये मुफ्त परिवहन सुविधा सुलभ करवाई गई है।
ओंकारेश्वर परियोजना से कुल 6 हजार 329 परिवार डूब प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इन परिवारों के लिये उपरोक्त उल्लेखित आर्थिक और भौतिक सहायता के अतिरिक्त 225 करोड़ रूपये का विशेष पेकेज वर्ष 2012 में स्वीकृत किया है। इससे भूमि स्वामी डूब प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता सुलभ हुई है। प्रत्येक भूमिहीन परिवार को भी 2 लाख 50 हजार रुपये दिये गये हैं। इस पेकेज का लाभ उठाकर अधिकांश परिवार सहर्ष विस्थापित होकर पुनर्वासित हो गये हैं। वर्तमान जलाशय के 191 मीटर जल-स्तर के अन्दर का क्षेत्र रिक्त है और कोई आबादी इस जल-स्तर से प्रभावित नहीं है। इस जल-स्तर के बाद के क्षेत्र में केवल 221 परिवार बाँध विरोधियों के प्रभाव में आकर बसे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि ओंकारेश्वर परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता 520 मेगावाट है। परियोजना से 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई हो सकेगी। इस लाभ के लिये बाँध जलाशय को 196.60 मीटर के पूर्ण स्तर तक भरा जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के एक प्रतिनिधि-मण्डल से भेंट के दौरान विगत दिनों कहा है कि राज्य सरकार परियोजना डूब प्रभावितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। सरकार ने डूब प्रभावितों की माँग पर हर-समय उनके हित में निर्णय लिये हैं। सरकार द्वारा स्वीकृत 225 करोड़ का विशेष पेकेज इस बात का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल कुछ भ्रमित लोगों के विरोध के कारण परियोजना के व्यापक लाभ जरूरतमंद किसानों तक पहुँचाने की उपेक्षा नहीं की जायेगी।