भोपाल, अप्रैल 2015/ मिशन इन्द्रधनुष एक ऐसी पहल है जो देश के बच्चों को स्वस्थ जीवन देने का कार्य करेगा। यह अभिनव मिशन देश के 28 राज्य के 201 चयनित जिले के लिए रहेगा। इसमें मध्यप्रदेश के 15 जिले चुने गये हैं जिसमें सागर संभाग के पाँच जिले भी शामिल है। एक-एक सप्ताह के चार चरण में 7 अप्रैल, 7 मई, 7 जून तथा 7 जुलाई से एक सप्ताह तक गतिविधियाँ संचालित होंगी जिसमें 2 वर्ष तक के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा।
मीडिया प्रतिनिधियों को मिशन इन्द्रधनुष के मुद्दों से संवेदनशील बनाने और व्यापक जनहित जुड़े इस मुद्दे पर निरन्तर सहयोग प्राप्त करने के लिये सागर में मीडिया वर्कशाप की गयी। कार्यशाला में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने प्रदेश में टीकाकरण की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया।
विश्व स्वास्थ्य संग़ठन के डॉ. ए.एच. गरूहा ने मिशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह टीकाकरण अभियान सात जान लेवा बीमारी से रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि मिशन के संबंध में विशेष रूप से ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है जो मीडिया के सतत सहयोग से ही संभव है।
संपूर्ण टीकाकरण बच्चों का अधिकार
यूनिसेफ की सलाहकार डॉ. वन्दना भाटिया ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से इस कार्यक्रम में छूटे हुए सभी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया जायेगा। मध्यप्रदेश में हर साल 5 साल से कम उम्र के एक लाख से ज्यादा बच्चों की मौत हो जाती है। इनमें से अधिकांश बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण के माध्यम से बचाया जा सकता है। सही टीका, सही उम्र में, सही मात्रा में, सही तरीके से लगाना हर बच्चों का अधिकार है।
कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश को संपूर्ण टीकाकरण में अव्वल बनाना है। मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से प्रदेश के उन 15 जिलों में संपूर्ण टीकाकरण का अभियान चलाया जाएगा, जो टीकाकरण में पिछड़े हुए हैं। लगभग 2 लाख 60 हजार बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से प्रदेश में आवश्यक तैयारियाँ की हैं। टीकाकरण अभियान में जागरूकता का अभाव और दुष्प्रभाव का भय देखने को मिलता है इसलिए इसमें मीडिया की भूमिका अहम हैं।
सागर संभाग ही ऐसा संभाग है जिसके सभी जिले मिशन में चुने गए हैं। प्रदेश के चयनित 15 जिले हैं – सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, झाबुआ, मंडला, रायसेन, रीवा, सतना, शहडोल, उमरिया, अलीराजपुर, अनूपपुर एवं विदिशा। करीब एक लाख जमीनी कार्यकर्ताओं को केंद्रित कर योजना बनाई है, जिससे टीकाकरण से किसी बच्चे की छूटने की संभवना नहीं है।
जिला और विकासखंड स्तर तक भी सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। कार्यशाला का संचालन अनिल गुलाटी ने किया।