भोपाल, अप्रैल 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में मार्कफेड के माध्यम से खरीफ वर्ष 2015 के लिए 6 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2 लाख मीट्रिक टन काम्पलेक्स, 60 हजार मीट्रिक टन पोटास एवं 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया। इसमें से खरीफ सीजन में 4 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.25 लाख मीट्रिक टन काम्पलेक्स, 3 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 40 हजार मीट्रिक टन पोटास का अग्रिम भंडारण किया जायेगा।
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक के लिए मार्कफेड को प्रत्येक वर्ष 1200 करोड़ रुपये की गारंटी देगी। पहले गारंटी की राशि 500 करोड़ रुपये थी। कुल 1200 करोड़ की गारंटी पर अधिरोपित होने वाले प्रत्याभूति शुल्क से वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की अवधि के लिए छूट दी जायेगी। ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी।
परियोजना उदय
मंत्रि-परिषद् ने परियोजना उदय फेस-2 को मंजूरी दी। लगभग 2100 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए लगभग 1500 करोड़ का ऋण एडीबी से प्राप्त किया जायेगा। शेष 15-15 प्रतिशत राशि का अंश शासन और नगरीय निकाय द्वारा वहन किया जायेगा। परियोजना के फेस-2 में 159 छोटे और मझोले नगर में जल सुधार के कार्य किये जायेंगे। आवश्यकतानुसार सीवरेज प्रबंधन, वर्षा जल निकासी एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य भी किये जायेंगे।
पोस्ट मेट्रिक छात्रावास
आगामी शैक्षणिक सत्र् और वित्त वर्ष 2015-16 में अनूसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए 40 पोस्ट मेट्रिक छात्रावास शुरू होंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने जुलाई 2014 में 50 नवीन पोस्ट मेट्रिक छात्रावास खोलने की घोषणा की है। इनमें से 25 बालिकाओं और 25 बालकों के लिए है। वर्ष 2014-15 में 10 पोस्ट मेट्रिक छात्रावासों के लिए पद सृजन की स्वीकृति दी जा चुकी है।
सभी छात्रावास जिला मुख्यालयों पर संचालित होंगे। प्रत्येक छात्रावास में 60 सीट होंगी। साथ ही 29 छात्रावास अधीक्षक, 109 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा 50 सफाई कर्मचारी के लिए संविदा पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया।
तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएँ
मंत्रि-परिषद् ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधीन संचालित खेल अकादमियों में प्रशिक्षण के लिए उच्च-स्तरीय तकनीकी विशेषज्ञ-सह-प्रशिक्षक की सेवाएँ प्राप्त करने के लिए जारी मार्गदर्शी सिद्धांत में परिवर्तन का निर्णय लिया। इसके लिए गठित सशक्त समिति के निर्णय का पालन किया जायेगा।
पूर्व में ए, बी, सी श्रेणी के तकनीकी विशेषज्ञ-सह-प्रशिक्षकों को क्रमश: 1 लाख, 75 हजार और 50 हजार मानदेय दिया जाता था। इसे बढ़ाकर क्रमश: 1.50 लाख, 1 लाख और 75 हजार रुपये किया गया है। डी श्रेणी के प्रशिक्षकों को 60 हजार और ई श्रेणी के प्रशिक्षकों को 40 हजार मानदेय दिया जायेगा। मानदेय में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के मान से प्रतिवर्ष वृद्धि की जायेगी।
ऐसे तकनीकी विशेषज्ञ जो अकादमी में रहकर ही प्रशिक्षण देते हैं उन्हें अतिरिक्त आवास व्यवस्था व्यय 20 हजार रुपये, स्थानीय यात्रा व्यय 20 हजार तथा भोजन व्यवस्था व्यय 10 हजार रुपये दिया जायेगा।