भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिला कलेक्टरों को ओला वृष्टि और असमय वर्षा से प्रभावित फसलों के नुकसान का सर्वे हर हालत में 5 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सर्वे सूची आवश्यक रूप से पंचायत भवन में चिपकाने और किसानों के दावे आपत्तियों का निराकरण तत्काल प्रभाव से करने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री मंत्रालय में वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से संभागायुक्तों और आपदा प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से फसलों के नुकसान तथा आकलन सर्वेक्षण की जनभागीदारी आधारित प्रक्रिया और गेहूँ खरीदी की व्यवस्था के संबंध में चर्चा कर रहे थे। जिलेवार कलेक्टरों से विस्तृत चर्चा की और ओला प्रभावित क्षेत्रों में अपने दौरे के समय किसानों द्वारा बतायी गयी समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिये। कहा कि वे पुन: गाँवों का दौरा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों का सर्वेक्षण मानवीय दृष्टिकोण और किसानों को संकट में भरपूर सहयोग देने के इरादे से किया जाना चाहिये। किसानों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने के लिये राजस्व पुस्तक परिपत्र में व्यापक संशोधन किये गये हैं। असमय वर्षा से होने वाले नुकसान में राहत देने के प्रावधान को भी राजस्व पुस्तक परिपत्र में जोड़ने के निर्देश दिये। फीकी चमक वाले और पतले गेहूँ के दाने की भी खरीदी करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने राहत के संबंध में बताया कि इस बार बारिश अच्छी होने से हर खेत सिंचित था। इसलिये पूरी फसल को सिंचित फसल मानकर सर्वेक्षण करें। 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि सुनिश्चित की गई है। सर्वेक्षण में किसानों की मदद की भावना को प्राथमिकता दें। अगली फसल तक ऋण की वसूली रोक दी गई है। इस अवधि का ब्याज सरकार भरेगी। इसलिये बेंकों को वसूली करने से रोकें। प्रभावित किसानों को एक रुपये किलो गेहूँ, चावल, नमक, चार लीटर मिट्टी तेल और एक किलो शक्कर दी जायेगी। प्रभावित किसानों की बेटियों की शादी के लिये 25 हजार रुपये राहत के रूप में दिये जायेंगे। मुर्गा-मुर्गी की हानि होने पर 40 रुपये प्रति कुक्कुट की राहत राशि को बढ़ाकर 60 रुपये करने के निर्देश दिये। सब्जियों और मसाला फसलों के नुकसान की राहत राशि बढ़ाकर 26 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गयी है। फसल नुकसान के सर्वेक्षण में तत्परता और संवेदनशीलता दिखाने के लिये सभी कलेक्टरों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि वे किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य दिलवायें। फसल बीमा दावा राशि दिलाने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके लिये जरूरी है फसल कटाई प्रयोग समय पर हो जायें और कलेक्टर इस संबंध में जागरूक रहें। किसानों को फसल बीमा राशि नहीं दिला पाना एक आपराधिक लापरवाही है। इसके लिये कलेक्टरों को जिम्मेदार ठहराया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि फसल कटाई प्रयोग में किसी प्रकार की कोई कमी या विसंगति न रहे ताकि किसानों को फसल बीमा का लाभ आसानी से मिल सके। मुख्यमंत्री ने अति वृष्टि और ओला वृष्टि से प्रभावित मकानों की मरम्मत के लिये भी तत्काल राहत राशि देने के निर्देश दिये।

गेहूँ की हो खरीदी

मुख्यमंत्री ने गेहूँ खरीदी की चर्चा करते हुए अति वृष्टि और ओला वृष्टि से यदि गेहूँ की चमक चली गई है या दाना पतला रह गया है तो उसे भी खरीदें। भारत सरकार से खरीदी की गुणवत्ता के मापदण्ड को शिथिल करने के संबंध में चर्चा हुई है। इस संबंध में केन्द्र सरकार का भी दृष्टिकोण सकारात्मक है। किसानों का हर दाना खरीदें ताकि उन्हें संकट में भरपूर लाभ मिले। किसानों का दाना सस्ते में बिके यह ठीक नहीं है। जिस मंडी में समर्थन मूल्य के नीचे गेहूँ की खरीदी हो, वहाँ खरीदे गये गेहूँ का नमूना अनिवार्य रूप से रखें।

श्री चौहान ने कहा कि वे खुद खरीदी केन्द्रों का दौरा करेंगे। मण्डियों को निर्देश दिये कि वे नियमित रूप से खुली रहें और रविवार के दिन भी किसानों के लिये खुली रखी जायें। उन मण्डियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये जो अपने स्वयं के केलेण्डर का पालन नहीं कर रही हैं। कलेक्टरों से कहा कि वे मण्डियों में खरीदी पर निगरानी रखें और मण्डी प्रशासन से लगातार संपर्क में रहें। मण्डियों में खरीदी के भाव की सूची का इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले करवायें ताकि किसानों को खरीदी का भाव मालूम रहे।

मुख्यमंत्री ने उज्जैन, नीमच, मंदसौर, शाजापुर, जबलपुर, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोकनगर, रीवा, सतना, होशंगाबाद, राजगढ़, विदिशा, धार और टीकमगढ़ के कलेक्टरों से सीधी बात की। कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों के प्रभावित गाँवों के किसानों, प्रभावित क्षेत्रफल और अपेक्षित राहत राशि की जानकारी दी। वीडियो कांफ्रेंसिंग में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा उपस्थित थे।

बैठक के प्रमुख बिन्दु

मुख्यमंत्री राहत वितरण और गेहूँ खरीदी देखने अचानक पहुँचेंगे किसानों के बीच।

अपनेपन की भावना और उदारता के साथ किसानों की खुलकर मदद के निर्देश।

अति वृष्टि के साथ असमय वर्षा भी शामिल करें आरबीसी 6-4 में।

फलदार वृक्ष, जिसमें संतरा भी शामिल, की क्षति पर 500 रूपये प्रति पेड़ राहत।

औने-पौने दाम पर न बिक जाय किसान की फसल।

फीकी चमक वाला और पतला गेहूँ भी खरीदा जाये।

जिस मंडी में किसान से समर्थन मूल्य से नीचे खरीदा जाये उस गेहूँ का सेम्पल अवश्य रखें।

मंडियाँ अनावश्यक बंद नहीं रहें।

आगामी दो-चार दिन में पुन: वर्षा की आशंका : ग्वालियर, चम्बल, शाजापुर, दतिया, छतरपुर, टीकमगढ़ जिले में किसानों को विशेष सतर्क करने की जरूरत।

अधिक प्रभावित किसानों को मिलेगा गेहूँ, चावल, नमक, शक्कर एक रूपया किलो और साथ में चार लीटर मिट्टी का तेल।

बेटी की शादी के लिये 25 हजार रूपये नगद।

सब्जी-मसाले की राहत बढ़ाकर 26 हजार रूपये हेक्टेयर।

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