भोपाल, मार्च 2015/ राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को गैर अनुदान वाले मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूल के बच्चों की समग्र आई.डी. बनवाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर्स से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सत्र 2014-15 में गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में प्रवेशित वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों की समग्र आई.डी. तैयार कर उसमें उनका सही विवरण दर्ज करवाया जाये। यदि किसी बच्चे की समग्र आई.डी नहीं है तो अधिकारियों की मदद से उसे बनवाया जाये। यह भी ध्यान रखा जाये कि किसी भी बच्चे को समग्र आई.डी. बनवाने के लिये परेशान न होना पड़े। समग्र आई.डी. बनवाने की व्यवस्था 15 अप्रैल तक सुनिश्चित करने को कहा गया है।

नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में गैर-अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में प्रवेशित वंचित समूह एवं कमजोर वर्गों के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है। इन बच्चों पर होने वाले व्यय का भुगतान संबंधित प्रायवेट स्कूल को ऑनलाइन एजूकेशन पोर्टल के माध्यम से सीधे स्कूल के खाते में भेजा जाता है। जिले में एक शासकीय अधिकारी को शाला का नोडल अधिकारी नामांकित किया जाता है। नोडल अधिकारी अशासकीय शाला द्वारा दर्ज किये गये बच्चों की सूची एवं क्लेम की जा रही फीस को सत्यापित करता है।

उल्लेखनीय है कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा प्रत्येक परिवार एवं बच्चों को पोर्टल के माध्यम से समग्र आई.डी. आवंटित की गयी है। नये परिवार एवं बच्चों के नाम अद्यतन करने अथवा जोड़ने का काम ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकाय कर रही है। मध्यप्रदेश में समस्त शासकीय एवं अशासकीय शालाओं में दर्ज बच्चों को समग्र शिक्षा पोर्टल के जरिये स्कालरशिप भी दी जा रही है। पोर्टल में दर्ज बच्चों की शालाओं से मेपिंग भी की गयी है। बच्चों की समग्र आई.डी. होने से बच्चों का दोहरे स्कूल में नामांकन रोका जा सका है।

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