भोपाल, मार्च 2015/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के मुख्य सचिव की उपस्थिति में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। प्रमुख रूप से स्वच्छता अभियान, ओला वृष्टि से प्रभावित किसानों की सहायता, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जल्द मंजूरियाँ देने और लंबित कार्यों के तेजी से निपटारे के संबंध में चर्चा की गई। प्रधानमंत्री प्रतिमाह राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय सचिव से बातचीत करेंगे। वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा मंत्रालय स्थित एनआईसी कक्ष में उपस्थित थे। वीडियो कान्फ्रेंस- ‘प्रगति’ (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन) में भारत सरकार के संबंधित विभाग के सचिव उपस्थित थे।

वीडियो कान्फ्रेंस में केंद्रीय उद्योग सचिव अमिताभ कांत ने बतलाया कि मध्यप्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस कार्यशाला का आयोजन 4 मार्च को किया जा चुका है। मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की पहल की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की उपस्थिति में प्रशासन अकादमी में हुई कार्यशाला में विभिन्न विभाग की प्रतिभागिता सुनिश्चित की गई। प्रधानमंत्री द्वारा सुधार के 98 बिंदु निर्धारित किए गए हैं। मध्यप्रदेश में 150 मुद्दे निर्धारित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की पहल को समाधान का श्रेष्ठ मार्ग बताते हुए राज्यों से प्रयास प्रारंभ करने और उन्हें जारी रखने को कहा।

भोपाल में हुई कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री ने व्यवसाय के अनुकूल देशों की सूची में भारत को अग्रणी स्थान पर लाने का संकल्प लिया है। इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश देश का अव्वल राज्य बने। कार्यशाला प्रतिवर्ष होगी। इसमें उद्योग प्रतिनिधियों और उद्योगों से संबंधित 17 विभाग द्वारा सहजता से व्यवसाय के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ। प्राप्त सुझावों में से अंतर्विभागीय विषयों पर भी शीघ्र निर्णय लेने पर सहमति बनी। अधिनियमों में संशोधन और केंद्र सरकार की अनुमति से संबंधित प्रस्तावों पर विधिवत् प्रयास करने पर चर्चा हुई। कार्यशाला में प्राप्त 51 सुझाव तत्काल लागू करने का निर्णय लिया गया।

वीडियो कान्फ्रेंस में बताया गया कि विद्यालयों में शौचालय निर्माण के कार्य में भी देश में मध्यप्रदेश तीसरे क्रम पर है। मध्यप्रदेश की प्रगति सराहनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 लाख 57 हजार नए शौचालय के निर्माण और 1 लाख 63 हजार शौचालय के जीर्णोद्धार का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में राज्य तेजी से कार्य करें। प्रधानमंत्री ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, उड़ीसा राज्यों में लंबित विभिन्न परियोजना की जानकारी प्राप्त की।

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