भोपाल, मार्च 2015/ मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला प्रदेश है जहाँ मनरेगा के सभी प्रकार के भुगतान इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से किये जा रहे हैं। प्रदेश में मनरेगा में जारी वित्तीय वर्ष में 3 हजार 193 करोड़ रुपये के व्यय से 18 लाख 7 हजार 789 कार्य पूरे किये गये हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यहाँ संपन्न रोजगार गारंटी परिषद की सामान्य सभा की बैठक में दी गयी।

बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, वित्त मंत्री जयंत मलैया, लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह, आदिम-जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह और राज्य योजना मंडल के उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत गुणवत्तापूर्ण कार्य समय-सीमा में पूरे किये जायें। योजना की सतत् मॉनीटरिंग की जाये। उन्होंने जलाभिषेक अभियान का व्यापक कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि योजना में प्रत्येक ग्राम का लेबर बजट तैयार किया गया है। प्रदेश में लागू किये गये इलेक्ट्रॉनिक फंड मेनेजमेंट सिस्टम को देश के अन्य 28 राज्य में भी लागू किया गया है। मनरेगा में आँगनवाड़ी भवन, ग्राम संपर्क और खेत सड़क तथा कृषि संबंधी कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।

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