भोपाल, मार्च 2015/ स्वास्थ्य संवाद अभियान में नियमित टीकाकरण दिवस के दिनों मंगलवार एवं शुक्रवार (27 और 31 मार्च) को गृह भेंट करने संबंधी बाध्यता स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर नहीं रखी गई है। कार्यकर्ता सुविधाजनक होने पर बेहतर परिणाम के लिए यह दायित्व इन दिनों में भी निभा सकते हैं। इस संबंध में जिला स्तर पर जरूरी निर्देश भेजे गए हैं।

उल्लेखनीय है कि रोगों से बचाव की अवधारणा के अनुरूप प्रदेश में घर-घर जाकर नागरिकों के स्वास्थ्य का हाल जानने और उनसे स्वास्थ्य संवाद स्थापित कर रोगों से बचाव के लिए आवश्यक सलाह और सेवाएँ देने के उद्देश्य से 16 मार्च से राज्य में स्वास्थ्य संवाद अभियान संचालित है। इसमें विभाग के लगभग एक लाख कर्मचारी-अधिकारी घर-घर दस्तक दे रहे हैं। इनमें क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता- ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू., एल.एच.व्ही., एम.पी.एस. एवं आशा कार्यकर्ता और आशा सहयोगी अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में घर-घर जाकर जनता को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी एवं सलाह दे रहे हैं।

प्रदेश में 16 मार्च से आरंभ हुए संवाद अभियान के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। नागरिक स्वास्थ्य कर्मियों को पूरा सहयोग प्रदान कर प्रतिदिन संवाद कर रहे हैं। अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, दस्त नियंत्रण के संबंध में जरूरी चर्चा कर सलाह दी जा रही है। मौसमी बीमारियों जैसे- स्वाईन फ्लू, मलेरिया, डेंगू आदि के विषय में आवश्यक बचाव संबंधी जानकारी देते हुए इन संक्रमणों के उपचार की जानकारी भी दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ लेने संबंधी सूचनाएँ भी लोगों से साझा की हैं। अभियान में एक स्वास्‍थ्य कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन लगभग 20 घर में गृह भेंट की जा रही है। अभियान की कार्य-योजना इस प्रकार तैयार की गई है, जिससे प्रत्येक गाँव के सभी घर तक पहुँचा जा सके।

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