भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कि है कि सभी मसालेदार फसलों और ईसबगोल की फसल के नुकसान पर अब 25 हजार की जगह 26 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत दी जायेगी। पहले सिर्फ ओले से ईसबगोल की नुकसान होने पर राहत दी जा रही थी, लेकिन अब बारिश से नुकसान पर भी राहत दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि सर्वे के काम तत्परता और पूरी ईमानदारी के साथ किये जाये। इसके लिये कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग के संयुक्त अमले द्वारा सर्वे की व्यवस्था की गई है। सर्वे की सूची पंचायत भवन में प्रदर्शित की जायेगी। इस पर लोग दावे-आपत्ति लगा सकते हैं, जिनका निराकरण किया जायेगा। आवश्यकता होने पर पुन: सर्वे किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने नीमच जिले के ग्राम दारू और मंदसौर जिले के ग्राम हरसौल में बेमौसम बारिश और ओले से हुए फसलों के नुकसान का जायजा लिया। इन गाँव में उन्होंने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों ने फसल भले ही हार दी हो, लेकिन सरकार उन्हें जिंदगी नहीं हारने देगी। किसी तरह चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी फसलों के नुकसान पर राहत के संबंध में मापदंड निर्धारित किये गये हैं। देश में सबसे ज्यादा राहत मध्यप्रदेश द्वारा दी जा रही है। पशुओं की मृत्यु पर भी राज्य सरकार द्वारा राहत दी जाती है। सर्वे में गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों को छोड़ा नहीं जायेगा।

अन्य कार्य भले ही धीमे पड़ जायें लेकिन किसानों को भरपूर राहत दी जायेगी। जिन किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं और उनकी बेटी की शादी होनी है, तो इसके लिये उन्हें 25 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। पूरी तरह फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को अगली फसल तक एक रुपये किलो गेहूँ दिया जायेगा। पचास प्रतिशत से अधिक क्षति पर 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जायेगा। संतरे के पेड़ की क्षतिपूर्ति भी की जायेगी।

आवश्यकता होने पर बेंक ऋण परिवर्तित किये जायेंगे। लघु अवधि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में परिवर्तित किया जायेगा और इसका ब्याज सरकार देगी। किसानों को फसल बीमा योजना के लाभ के लिये क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि डोडा-चूरा के विक्रय के लिये वे केंद्र से अपील करेंगे।

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