भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्री-परिषद की बैठक में गेहूँ और धान पर वार्षिक क्रय कर की सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में निजी व्यापरियों द्वारा बाजार में कृषकों से गेहूँ और धान खरीदने में रूचि बढ़ेगी।

मंत्री-परिषद ने प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी के लिए राज्य शासन ने दो वर्ष के लिये 17 हजार करोड़ की नि:शुल्क प्रत्याभूति मंजूर करने का निर्णय भी लिया। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को रबी विपणन वर्ष-2015 में गेहूँ खरीदी के लिए यह साख सीमा स्वीकृत की गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य में आगामी 25 मार्च से गेहूँ की खरीदी की जाना है। किसानों को बिना बाधा के बेचे गए गेहूँ पर राशि का भुगतान समय पर मिल जाए इस दृष्टि से राज्य शासन द्वारा यह व्यवस्था की गयी है।

चिकित्सकों को 4 स्तरीय वेतनमान

मंत्री-परिषद ने विभिन्न संवर्ग के चिकित्सकों के लिए चार-स्तरीय वेतनमान स्वीकृत करने का निर्णय लिया। इनमें कुष्ठ अधिकारी ग्रेड-1 और ग्रेड-2, जिला टीकाकारण अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, अधीक्षक, क्षय रोग चिकित्सालय संवर्गों के अधिकारी जिनकी मूल नियुक्ति चिकित्सा अधिकारी के पद पर की गई थी, शामिल रहेंगे। इसी तरह संयुक्त संचालक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पदों पर विशेषज्ञ संवर्ग से पदोन्नत अधिकारी को विशेषज्ञ संवर्ग में पदोन्नति/नियुक्ति की दिनांक से चार-स्तरीय वेतनमान का लाभ दिया जायेगा। यह व्यवस्था 26 अगस्त 2008 से प्रभावशील होगी।

राजपत्रित सेवा भर्ती नियम में संशोधन

स्नातकोत्तर चिकित्सकों के लिए शासकीय सेवा आकर्षक बनाने की दृष्टि से अग्रिम वेतन वृद्धि और विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग राजपत्रित सेवा भर्ती नियम, 2007 में संशोधन किया। इसके अनुसार अब विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की अर्हता उपाधि के लिए 5 वर्ष के स्थान पर 3 वर्ष और पत्रोपाधि के लिए 7 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष करने का निर्णय लिया है। एक जनवरी 2014 के बाद आयोजित चयन प्रक्रिया से लोक सेवा आयोग से चयनित स्नातकोत्तर चिकित्सकों को स्नातकोत्तर उपाधि के लिए तीन एवं स्नातकोत्तर पत्रोपाधि के लिए दो अग्रिम वेतनवृद्धियाँ भी नियुक्ति के समय मिलेंगी। पी जी डॉक्टर्स की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उच्चतर संस्थाओं में करने का निर्णय लिया गया है।

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