भोपाल, मार्च 2015/ कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति मूल्यों की जानकारी रखता है। जरूरत बस मूल्यों को सदैव याद रखने और उनका पालन करने की है। डॉ. जोशी ‘संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी में मूल्यनिष्ठता’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संविमर्श का समापन कर रहे थे।
मध्यप्रदेश सरकार और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से महाकुम्भ सिंहस्थ-2016 के परिप्रेक्ष्य में हुए इस संविमर्श में देशभर से विद्वान शामिल हुए। सभी ने मीडिया से जुड़े विभिन्न वृत्तिज्ञों (प्रोफेशनल्स) के मूल्यों पर विमर्श किया। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने की।
कुलपति प्रो. जोशी ने मीडिया शिक्षकों के मूल्यों को प्रमुखता से रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि सम्प्रेषणीयता, रचनात्मकता, गतिकता, ग्रहणशीलता, सतर्कता, दक्षता, सत्यपरकता और संवेदनशीलता सहित प्रमुख मूल्यों का मीडिया शिक्षक को स्वयं के व्यवहार में पालन करना चाहिए।
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के कुलपति श्री अनूप स्वरूप ने कहा कि समाज के जो मूल्य हैं, उनका प्रभाव मीडिया पर पड़ता है। इसलिए हमें समाज के मूल्यों की भी चिंता करनी चाहिए। प्रज्ञा प्रवाह संस्था के श्री दीपक शर्मा ने सोशल मीडिया और तकनीक के अधिक उपयोग के दुष्परिणामों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल माध्यम का एक घंटे से अधिक उपयोग करने पर सोचने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। तकनीक के मूल्य नहीं होते, मूल्य तो मनुष्य के होते हैं।
संचालक जनसम्पर्क लाजपत आहूजा ने उज्जैन में होने वाले महाकुम्भ सिंहस्थ को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोडऩे का आयोजन बताया। मीडिया के संबंध में आज की परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरे प्रेस आयोग की जरूरत अब महसूस हो रही है।
भारत का मीडिया दुनिया में बेहतर
माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि दुनिया में मार्केटिंग के मूल्यों की चिंता पहले होती है जबकि हमारे देश में लोकहित के मूल्य सबसे पहले होते हैं। दुनिया के कई देशों के मीडिया की तुलना में भारत का मीडिया बहुत बेहतर है। भारतीय मीडिया में मूल्य आज भी जीवित हैं। वह समाज के हित में अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि हम अच्छे मूल्यों को पहचानें, उन्हें अपने जीवन में उतारें और उनको विकसित करने का प्रयास करें। प्रो. कुठियाला ने कहा कि धारणाओं के आधार पर मूल्यों का विकास होता है।
सत्र का संचालन डॉ. अनुराग सीठा ने किया। आभार जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने माना। संपादक, उप संपादक, रिपोर्टर, लेखक, मीडिया प्रबंधक और संचारक के मूल्यों पर विचार-विमर्श सत्र की अध्यक्षता लखनऊ से आए मीडिया शिक्षक एवं लेखक रमेशचन्द्र त्रिपाठी ने की। मुख्य वक्ता दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रामजी त्रिपाठी थे। इस दौरान माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोडक्शन निदेशक आशीष जोशी ने प्रोड्यूसर, वरिष्ठ पत्रकार विजय मनोहर तिवारी ने रिपोर्टर, प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी ने मीडिया प्रबंधक, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मालवीय ने संचारक, असिस्टेंट प्रोफेसर सुरेन्द्र पाल ने फोटो जर्नलिस्ट और उत्तरप्रदेश शासन के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने प्रशासन के मूल्यों पर अपनी बात कही।