भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आम आदमी भी उद्योग लगा सके ऐसा वातावरण बनाना है। कार्य करने का माहौल बदलना होगा। उद्योग लगाना प्रदेश की सेवा है। इस सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। श्री चौहान प्रशासन अकादमी में सहजता से व्यवसाय (ईज ऑफ डू़इंग बिजनेस) कार्यशाला का समापन कर रहे थे।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कृषक कल्याण और कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन, मुख्य सचिव अंटोनी डि सा, महानिदेशक प्रशासन अकादमी इन्द्रनील शंकर दाणी एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि और उद्योगों से संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवसाय के अनुकूल देशों की सूची में भारत को 50वें नम्बर पर लाने का संकल्प लिया है। उनके संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश देश का अव्वल राज्य बने इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इन प्रयासों की निरंतरता जारी रहेगी। प्रति वर्ष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में उद्योग प्रतिनिधियों और उद्योगों से संबंधित 17 विभाग के द्वारा सहजता से व्यवसाय के लिए चिंतन-मनन किया गया। प्राप्त सुझावों में से अंतर्विभागीय विषयों पर भी शीघ्र ही निर्णय किया जाएगा। अधिनियमों में संशोधन और केन्द्र सरकार की अनुमति से संबंधित प्रस्तावों पर भी विधिवत प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राप्त 51 सुझाव को तत्काल लागू करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएँ

– खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा गोदामों को अनुज्ञप्ति के स्थान पर पंजीयन की व्यवस्था की जायेगी। समस्त व्यवस्था ऑनलाइन होगी। अब 18 दस्तावेज के स्थान पर केवल 7 दस्तावेज आवश्यक होंगे।

– एक्सप्लोसिव एक्ट के नियमों में कलेक्टर द्वारा लाइसेंस या एनओसी के लिये 6 महीने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश के लिये यह समय-सीमा 2 माह रहेगी।

– कारखाना प्रबंधन के चाहने पर फेक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाकर 10 वर्ष की जायेगी। व्ही.एस.एस योजना के लिये धरोहर राशि के रूप में बेंक गारंटी एवं बेंक ड्राफ्ट के अलावा एफ.डी. को भी मान्य किया जायेगा। तीन अधिनियम, इंट्रेस्ट माईग्रेंट वर्कमेन एक्ट के अंतर्गत जारी लाइसेंस, भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 में पंजीयन और मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण/लाइसेंस को लोक सेवा गारंटी में लाया जायेगा।

– नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कालोनाईजर लाइसेंस, कालोनी विकास अनुमति, भवन अनुज्ञा तथा फायर एनओसी को सम्मिलित किया जायेगा। अप्रैल 2015 से प्रदूषण नियंत्रण संबंधी सभी सम्पत्ति, अनुमति तथा उपकर निर्धारण संबंधी सभी प्रमाण-पत्र एवं कार्यवाही ऑनलाइन की जायेगी। रियल स्टेट से संबंधित ले-आउट, कालोनी विकास की अनुमति, विकास अनुज्ञा एवं बिल्डिंग परमिशन दिये जाने के लिए सिंगल डोर प्रणाली को लागू किया जायेगा। नगर पालिका/निगम में निजी रहवासी भवनों की भवन अनुज्ञा जारी करने के लिये वास्तुविदों/इंजीनियरों को अधिकृत किया जायेगा। माडल स्टेण्डर्ड नक्शों को अपनाने वाले नागरिकों को स्वत: अनुमति मानी जायेगी। उन्हें आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। हाईराईज बिल्डिंग परमिशन जारी करने की प्रक्रिया सरल होगी। नगरीय क्षेत्रों में रहवासी, औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों की सुविधा के लिये नगरीय निकायों की समस्त अनुमतियाँ, प्रक्रियाएँ एवं कार्य, ई-नगर पालिका के क्रियान्वयन के बाद ऑनलाइन किये जायेंगे।

– उर्वरक एवं कीटनाशी विनिर्माताओं के पंजीयन के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे। लोक सेवा गारंटी में 45 दिवस में निराकरण के लिये इस सेवा को शामिल किया जायेगा। वेयर हाउसेस को मण्डी एक्ट से बाहर रखने के लिये मण्डी अधिनियम की धारा 31 एवं 32 में संशोधन किया जायेगा।

– ऊर्जा विभाग की समस्त अनुमतियाँ लोक सेवा गारंटी में लायी जायेंगी। नवीन स्थायी कनेक्शन ऑनलाइन माँग पर जारी किये जायेंगे। चार्जिंग अनुमति के लिये विद्युत निरीक्षक के साथ निजी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को भी अधिकृत किया जायेगा।

– वाणिज्यिक कर एवं पंजीयन विभाग के अपील बोर्ड में प्रत्येक 6 माह के स्थगन पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि जमा करने की बाध्यता समाप्त की जायेगी। वेट अधिनियम पर विवरण पत्र विलंब से प्रस्तुत करने पर शास्ति 50 हजार से कम कर 25 हजार की जायेगी। निवेश संवर्धन सहायता हेतु वाणिज्यिक कर विभाग में फास्ट ट्रेक सेल की स्थापना की जायेगी। एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क में वाणिज्यिक कर विभाग की सुविधाएँ भी दी जायेंगी।

– विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आई.टी. कंपनियों को भूमि के आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की जायेगी। इस प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में दी जाने वाली सेवा में शामिल किया जायेगा। आई.टी. निवेश नीति के अंतर्गत दी जा रही सब्सिडी/छूट एवं अन्य सुविधाओं को ऑनलाइन किया जायेगा तथा इस प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अर्न्तगत दी जाने वाली सेवा में शामिल किया जायेगा। विभिन्न निवेश संबंधी सेवाओं को मोबाईल फोन के द्वारा नागरिकों/निवेशकों को उपलब्ध करवाया जायेगा। इस हेतु मोबाईल सर्विस डिलीवरी गेटवे में शामिल किया जायेगा। विभिन्न शासकीय सेवाओं को ऑनलाइन प्राप्त किये जाने हेतु नागरिकों को आधार से ई-साईन सुविधा प्रदान की जायेगी। नागरिकों को डिजिटल लॉकर की सुविधा दी जायेगी जिससे प्रत्येक नागरिक को विभिन्न प्रमाण-पत्र एक ही जगह पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

– पर्यटन नीति में शासकीय भूमियों को उपलब्ध करने की प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में समय-सीमा में प्रावधानित किया जायेगा। पर्यटन नीति के तहत् हेरिटेज होटल, बजट होटल, होटल रिसोर्ट, कन्वेंशन सेंटर के लिये प्रदाय की जाने वाली पूँजीगत अनुदान प्रक्रिया एवं अन्य प्रतिपूर्ति प्रावधानों की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जायेगा। इसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम की समय-सीमा में प्रावधानित किया जायेगा। पर्यटन वाहनों के लिये प्रदेश में आवागमन हेतु दिये जाने वाले अस्थाई पर्यटक परमिट/लाईसेंस की प्रक्रिया को परिवहन विभाग के समन्वय से ऑनलाइन कर दिया जायेगा।

– नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग में दिनांक 15 मार्च 2015 से परियोजना स्थापना हेतु सभी आवेदन, स्वीकृतियाँ एवं परियोजना की मानीटरिंग ऑनलाइन की जाएगी। नवकरणीय उर्जा परियोजनाओं की स्थापना से संबंधित सभी शुल्क /भुगतान 31 मार्च 2015 से बेंक के माध्यम से ऑनलाइन लिए जाएंगे। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं लघु जल विद्युत ऊर्जा की निजी भूमि पर प्रस्तावित परियोजनाओं की स्थापना हेतु आवेदन वर्ष भर (365 दिन) स्वीकृत किए जायेंगे। पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा एवं लघु जल विद्युत ऊर्जा की परियोजना की स्थापना हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति स्वत: ही प्राप्त होगी। नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये ऊर्जा विभाग से संबधित विषयों पर समन्वय हेतु नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।

– वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा ई.एम. पार्ट-1 तथा ई.एम. पार्ट-2 को ऑनलाइन जारी किया जायेगा। बॉयलर मेन्टेनेंस सेवा प्रदाता को भी बॉयलर प्रमाणीकरण के लिये अधिकृत किया जायेगा। शहर के 8 कि.मी. की परिधि में निजी भूमि पर स्थापित उद्योगों को विभाग द्वारा घोषित वित्तीय सुविधाएँ दी जायेंगी। भू-आवंटन के आवेदन-पत्र एवं भूमि आवंटन फेसिलिटेशन कार्यवाही सिंगल विण्डो प्रणाली ट्रायफेक द्वारा की जायेगी। भूमि पर निर्माण अनुज्ञा ऑनलाइन जारी की जायेगी।

– राजस्व विभाग के अंतर्गत निर्माण अनुमति नक्शे पास करने के लिए आवेदक को नजूल एन.ओ.सी. प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं होगी। संबंधित निकाय द्वारा इसे प्राप्त किया जायेगा। लीज रेंट की तरह डायवर्सन शुल्क वार्षिक के स्थान पर एकमुश्त जमा करने की व्यवस्था की जायेगी। कृषि सीलिंग की अतिशेष भूमि का औद्योगिक प्रयोजनों के लिये उपयोग करने के संबंध में कानून पर विचार किया जायेगा। शेड्यूल एरिया में भूमि अंतरण के प्रावधानों को सरल बनाया जायेगा।

– परिवहन विभाग द्वारा आगामी 3 वर्ष की अवधि में पंजीकृत होने वाले ऐसे कम्बाईड हार्वेस्टर एवं ट्रेक्टर जो कृषि उपयोग में लाये जायेंगे और वास्तविक कृषक से भिन्न व्यक्तियों के स्वामित्व में होंगे, पर जीवन काल कर को 6 से घटाकर 1 प्रतिशत किया जायेगा।

– स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्सपोर्ट हेतु औषधि निर्माण की अनुमति 3 कार्य दिवस में दी जायेगी। औषधि निर्माण के लिए यदि मूल निर्माता अन्य को लायसेन्स उपयोग के लिए देता है तो लोन लायसेन्स के लिए मूल निर्माता से विस्तृत दस्तावेजों के स्थान पर सिर्फ घोषणा-पत्र लिया जायेगा। भारत सरकार से अनुमति मिलने पर पुन: यदि उसी औषधि की अनुमति उसी देश के लिए चाही गई है तो पहले प्रस्तुत सभी दस्तावेज पुन: जमा नहीं करना होंगे। केवल नवीन अनुमति भारत सरकार से प्राप्त कर देना होगी।

– उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निजी विश्वविद्यालय की स्थापना का आशय-पत्र ऑनलाइन जारी किया जायेगा। संबद्ध विश्वविद्यालय द्वारा निजी विश्वविद्यालय को असंबद्ध करने के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र ऑनलाइन 15 दिवस में जारी किए जायेंगे।

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