भोपाल, मार्च 2015/ शहरों में यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिये प्रदेश में राज्य शहरी पार्किंग नीति लागू की जायेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य स्तरीय यूनिफाईड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट काउन्सिल की बैठक में इस नीति का अनुमोदन किया गया। बैठक में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, वित्त मंत्री जयंत मलैया, जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और राजस्व मंत्री रामपाल सिंह उपस्थित थे।
शहरी पार्किंग नीति का उद्देश्य शहरों में वाहनों की गतिशीलता में वृद्धि करना और ट्रेफिक जाम से मुक्त करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग शहरों की जरूरत के अनुसार पार्किंग की योजना बनायी जाये। योजना व्यवहारिक हो तथा उससे जनता को सुविधा मिले। बताया गया कि राज्य शहरी पार्किंग नीति में शहरवार समेकित और पार्किंग अधोसंरचना का विकास और प्रबंधन किया जायेगा। पार्किंग प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जायेगा। निजी-जनभागीदारी आधारित पार्किंग प्रबंधन किया जायेगा। इसमें भूमि का उपयोग सम्पदा के रूप में किया जायेगा। प्रभावी पार्किंग प्रबंधन के लिये पार्किंग निधि का गठन किया जायेगा। शहरों में पार्किंग संबंधी पॉयलेट परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन के काम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान तैयार किये जा चुके हैं। भोपाल और इंदौर की मेट्रो लाइट ट्रेन की डीपीआर बन गई है। बैठक में सुझाव दिया गया कि शहरी और ग्रामीण परिवहन नीति को एकीकृत किया जाना चाहिये। वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रेफिक पुलिस पद बढ़ाये जाने का भी सुझाव दिया गया। बैठक में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन. मिश्रा, नगरीय प्रशासन आयुक्त संजय शुक्ला और मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल भी उपस्थित थे।