भोपाल, फरवरी 2015/ मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित गतिविधियों को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान और विज्ञान आधारित नवाचार के लिए पूरी सहायता दी जाएगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बजट में सात गुना वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि मघ्यप्रदेश इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। डिजिटल इंडिया के निर्माण के लक्ष्य में मध्यप्रदेश पूरी सक्रियता से कार्य करते हुए डिजिटल एमपी के स्वरूप को सामने लाएगा। मुख्य सचिव दो दिवसीय 30वीं युवा वैज्ञानिक कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे।
श्री डिसा ने कहा कि मध्यप्रदेश में विज्ञान प्रौद्योगिकी के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी आधारित कार्यो का तेजी से विस्तार हुआ है। जहाँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद ने सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र, जैव प्रौद्योगिकी उपयोगिता केन्द्र, पेंटेट और नवाचार प्रोत्साहन केन्द्र, जलवायु परिवर्तन शोध केन्द्र संचालन की पहल की है। वहीं कोषालयों से सीधे हितग्राही के खाते में ई-पेमेन्ट, कियोस्क केंद्र संचालन, विधान सभा प्रश्नों के उत्तर भेजने की ऑनलाइन व्यवस्था, किसानों को अनाज की बिक्री के बाद बिना विलंब के भुगतान, छात्रवृत्ति राशि बेंक ट्राँसफर द्वारा किए जाने और वर्चुअल क्लास रूम नेटवर्क बनाए जाने से नागरिकों को सीधा फायदा मिल रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि युवा कांग्रेस में 15 क्षेत्र में 200 प्रतिभागी के प्रेजेन्टेशन से ज्ञान के अनेक नए आयाम सामने आएंगे।
मुख्य सचिव ने स्मारिका का भी विमोचन किया। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो. प्रमोद वर्मा ने कांग्रेस के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हरिरंजन राव ने मौलिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रयास बढ़ाने की जरूरत बतायी। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस दिशा में मेपकास्ट रोड मेप तैयार कर उस पर अमल करेगा।