भोपाल, फरवरी 2015/ उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मानवीय जीवन में सौंदर्य से ज्यादा चरित्र निर्माण को जरूरी बताया है। मनुष्य के जीवन में प्रारंभ से अंत चरित्र निर्माण का ही वर्चस्व रहता है। श्री गुप्ता शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव ‘अनन्या” को संबोधित कर रहे थे।

श्री गुप्ता ने युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिये व्यक्तिगत विकास प्रकोष्ठ की पहल को उल्लेखनीय बताया। छात्राओं से कहा कि जीवन में तरक्की के लिये वे पूरी ईमानदारी, अनुशासन और परिश्रम से आगे बढ़ें। भारत ने हमेशा संत-मुनियों और तपस्वियों को पूजा है, जो हमारी संस्कृति की विशेषता भी है। विश्व में प्राचीन भारत के ज्ञान को अब स्वीकार किया जाने लगा है। समारोह में मंत्री ने अनेक छात्राओं को उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए पुरस्कृत किया। वर्ष 2015 के लिए डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक बी.एस-सी (बायोटेक) की कु. संगीता परमार, मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक एम.एस.-सी. (रसायन शास्त्र) कु. अलका वर्मा, डॉ. डी.पी. सिंह पुरस्कार बी.ए. की कु. पूजा शर्मा, स्व. श्री महाराज सिंह स्मृति पुरस्कार एम.एस-सी. (पूर्वार्द्ध) की कु. रोमा सिलावट और एम.एस-सी प्राणीशास्त्र (उत्तरार्द्ध) की कु. शाहीन अख्तर, श्रीमती उषा जैन-डॉ. यू.सी. जैन पुरस्कार वाणिज्य संकाय की कु. स्वर्णा देहुलिया तथा संस्कृत विषय में श्रेष्ठ अंकों के लिए स्थापित डॉ. भावना-प्रलय श्रीवास्तव पुरस्कार बी.ए. की कु. सपना त्रिपाठी को प्रदान किया।

उच्च शिक्षा मंत्री ने एन.सी.सी. में श्रेष्ठ उपलब्धियों के लिए कु. आयुषि सिंह, कु. परवीन अंसारी, कु. विशाखा बेन्डिक्ट, कु. आरती शाक्य, एन.एस.एस. में कु. दीक्षा अवस्थी, जूडो-कराते में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये कु. गीता सेन एवं कु. अदिति पवार, ट्रेप शूटिंग में कु. अनम बासित तथा कु. एकता यादव को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया।

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