भोपाल, फरवरी 2015/ राज्य सरकार खादी से तैयार किये गये वस्त्रों को कबीरा ब्राण्ड और ट्रेडमार्क के साथ आकर्षक डिजाइन में शीघ्र ही सामने लायेगी। खादी के रेडीमेड वस्त्रों की शुरू होने जा रही यह श्रंखला सभी आयु वर्ग के लिये होगी। इससे खादी के प्रति सभी वर्ग एवं उम्र के लोगों की रूचि न सिर्फ बढ़ेगी बल्कि वे खादी को अपनायेंगे भी। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग राकेश अग्रवाल ने आज दी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान फैशन के अनुरूप आकर्षक डिजाइन एवं रंगों में तैयार खादी को अब प्रदेश की जनता कबीरा ब्राण्ड और ट्रेडमार्क से जानेगी। मुख्यमंत्री 20 फरवरी अपरान्ह 3.30 बजे गौहर महल में कबीरा ब्राण्ड का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री विश्वकर्मा एवं कबीर बुनकर पुरस्कार का वितरण करने के साथ ही ग्रामोद्योग विभाग की ई-मार्केटिंग वेबसाइट की लॉचिंग भी करेंगे। श्री चौहान ‘विरासत’ पुस्तिका का विमोचन और विंध्या वैली के नये उत्पादों का लोकार्पण भी करेंगे। कार्यक्रम में बुनकरों एवं शिल्पियों के नवीन उत्पाद एवं कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि कबीरा ब्राण्ड पोषाकों की डिजाइन राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान द्वारा तैयार करवायी गई है। इसमें प्राचीन, परम्परागत एवं वर्तमान फैशन के ड्रेस मटेरियल का समावेश किया गया है। कबीरा ब्राण्ड के वस्त्रों का विक्रय खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के न्यू मार्केट एवं रविशंकर नगर (बिट्टन मार्केट) से आरंभ होगा। भविष्य में धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जायेगा। दैनिक जीवन में कबीरा को विशिष्ट स्थान दिलवाने के साथ ही निर्धन कत्तिन-बुनकर द्वारा की जाने वाली रंगाई-छपाई से रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। कबीरा के रूप में शुरू होने वाला यह प्रयास ग्रामीणों के शहर की ओर बढ़ते पलायन और इससे होने वाली परेशानी को रोकने में भी सहायक होगा।
उन्होंने बताया कि स्व-सहायता समूहों और ग्रामोद्योग इकाइयों द्वारा निर्मित उत्पादों की मार्केटिंग ‘विंध्या वैली’ ब्राण्डनेम से की जा रही है। अब तक 47 उत्पाद की मार्केटिंग हो रही है। इस श्रंखला में अब 14 नये उत्पाद की लॉचिंग की जा रही हैं। इनमें च्यवनप्राश, आँवला मुरब्बा, तुलसी सिरप तथा टमाटर मिर्च एवं फलों के अनेक उत्पाद शामिल हैं। इस प्रकार विंध्या वैली में अब 61 उत्पाद की श्रंखला उपलब्ध होगी। पर्यटन विकास निगम विंध्या वैली के पीने के पानी और अन्य मसालों का उपयोग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने भी शासकीय विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में विंध्या वैली के पीने के पानी और अन्य उत्पादों के उपयोग के निर्देश दिये हैं।