भोपाल, फरवरी 2015/ साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में संस्कृत सीखने के लिए चार विदेशी छात्र ने अपना पंजीयन करवाया है। विदेशी छात्रों में दो जर्मनी, एक बेल्जियम और एक कोरिया से है।
विश्वविद्यालय में 12 फरवरी से तीसरा प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। पाठ्यक्रम के संयोजक डॉ. विश्वबंधु होंगे। जर्मनी के लीपजिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री सदानंद दास भी छात्रों को एक माह संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण देंगें। पाठ्यक्रम में छात्र संस्कृत भाषा को समझना, बोलना और अनुवाद करना सीखेंगे।
विश्वविद्यालय में संस्कृत पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए किसी भी छात्र का 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। किसी भी उम्र का व्यक्ति इस कोर्स से जुड़ सकता है। इस प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को संस्कृत में उपलब्ध प्राचीनतम और समृद्ध स्त्रोतों के अध्ययन के तरीकों से अवगत करवाया जायेगा। जिससे वो पूर्व में उपलब्ध संस्कृत के विज्ञान, आध्यात्म, कला, इतिहास, व्याकरण, छंद, अंतरिक्ष विज्ञान, वास्तु (स्थापत्य, निर्माण और शिल्प विद्या) योग, आयुर्वेद, धर्म और दर्शन का गहन अध्ययन कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय जल्द ही प्राकृत तथा जैन धर्म अध्ययन, भारत में योग की परम्पराएँ, धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन तथा हिन्दू एवं बौद्ध तंत्र पर प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय जल्द ही एम. फिल तथा पीएचडी की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहा है।