भोपाल, फरवरी 2015/ राज्य में एल्बेन्डाजॉल गोली के कोई गंभीर दुष्परिणाम, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रमों में प्रतिवेदित नहीं हुए हैं। कुछ बच्चों में गोली के सेवन के बाद उल्टी, उबकाई, जी-मिचलाने या चक्कर आने जैसे मामूली लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जो क्षणिक एवं सीमित होते हैं। ऐसा प्राय: कृमि की अधिकता से होता है। इससे कोई गंभीर प्रतिकूल घटनाएँ नहीं होती।
एनएचएम मिशन डायरेक्टर श्री फैज अहमद ने बताया कि मंगलवार 10 फरवरी को डीवर्मिंग-डे अभियान में विदिशा जिले में 2, श्योपुर में एक चक्कर आने की घटना, उज्जैन में 4 बालिकाओं में मितली की शिकायत, देवास में एक चक्कर आने की घटना, सतना में एक बच्चे को उल्टी की शिकायत, मुलताई (बैतूल) में 8 बच्चे को उबकाई की शिकायत आने की सूचना प्राप्त हुई। सभी बच्चों को तात्कालिक प्राथमिक उपचार सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश में किसी भी शाला में कोई गंभीर प्रतिकूल घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। सभी बच्चे सुरक्षित एवं स्वस्थ हैं। नेशनल डीवर्मिंग-डे का मॉप-अप दिवस 14 फरवरी को होगा।
भारत सरकार के नवीन दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रदेश में 10 फरवरी को नेशनल डीवर्मिंग-डे के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश सहित 12 राज्य में इस कार्यक्रम का एक साथ शुभारंभ किया गया। इनमें असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, दादर एवं नागर हवेली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु एवं त्रिपुरा शामिल हैं। बच्चों में कृमि संक्रमण व्यक्तिगत अस्वच्छता तथा संक्रमित/दूषित मिट्टी के संपर्क से होता है। कृमिनाशक एल्बेन्डाजॉल की एक गोली के सेवन मात्र से रोकथाम की जा सकती है। प्रदेश में यह कार्यक्रम 85 हजार 113 प्राथमिक, 70 हजार 699 माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शासकीय शालाओं में पंजीकृत बालक एवं बालिकाओं तथा 90 हजार आँगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें लगभग एक करोड़ बच्चों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।