भोपाल, फरवरी 2015/ अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी मतदाता पहचान-पत्र (वोटर आई.डी.) को आधार नम्बर से लिंक किया जायेगा। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा तैयारी की जा रही है। हरदा एकमात्र जिला है, जिसने लगभग 90 प्रतिशत एपिक कार्ड को आधार से लिंक कर दिया है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री जयदीप गोविंद ने आज विधानसभा-लोकसभा निर्वाचन की लम्बित ऑडिट आपत्तियों के निराकरण बैठक में दी। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों को भी वोटर आई.डी. को आधार से लिंक करवाने के कार्य में गति लाना चाहिये।

श्री गोविंद के निर्देश पर विगत 2 फरवरी से ऑडिट आपत्तियों के निराकरण के लिये संभागवार बैठकें ली जा रही हैं। आज भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिलों के निर्वाचन पर्यवेक्षकों की बैठक हुई।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे सभी जिले, जहाँ निर्वाचन खर्च को लेकर ऑडिट आपत्ति आई है, उनका निराकरण तत्काल होना चाहिये। निर्वाचन व्यय के लिये उपलब्ध करवाई गई बजट राशि का समायोजन करवाया जाये। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पहले आवंटित राशि का उपयोग किया जाये। जिन जिलों में बीएलओ, एसएलए, ट्रेनिंग आदि का मानदेय वितरित नहीं हो सका है, वहाँ तत्परता से कार्यवाही हो। राष्ट्रीय मतदाता दिवस की राशि का भी समायोजन हो। श्री गोविंद ने सीईओ कार्यालय में स्थापित कॉल-सेंटर में दर्ज शिकायतों के निराकरण के निर्देश भी जिलों को दिये।

बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एक जनवरी, 2015 की स्थिति में सर्विस वोटर्स की निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग का नये सिरे से पुनरीक्षण किया जा रहा है। पुनरीक्षण के आगामी चरण में 15 मार्च तक संबंधित रिकार्ड/घोषणा-पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा जायेगा। निर्वाचक नामावली के प्रारूप की तैयारी 15 अप्रैल तथा संबंधित रिकार्ड को सत्यापन के बाद 20 मई तक सीईओ के माध्यम से संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को भेजा जायेगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी 5 जून तक उसमें संशोधन कर सकेंगे। सूची के अंतिम भाग का प्रकाशन 15 जून को होगा। इस संबंध में राज्य शासन, पुलिस महानिदेशक, कर्नल- भोपाल सब एरिया, सीआईएसएफ, स्टेशन कमाण्डर- सागर, ग्वालियर, पचमढ़ी, जबलपुर और महू को भी निर्देशित किया गया है।

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