भोपाल, जनवरी 2015/ स्‍वाइन फ्लू जैसे मौसमी रोग से डरने की नहीं, सावधानी रखने की जरुरत हैं। यह बात स्वाइन फ्लू रोग की रोकथाम, उपचार और जागृति बढ़ाने आवश्यक जानकारियाँ कार्यशाला में दी गई।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की इस कार्यशाला में शासकीय चिकित्सा, निजी नर्सिंग होम संचालक एवं चिकित्सा और मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला में बताया गया कि यह रोग ऋतु परिवर्तन के साथ अन्य नगरों और व्यक्तियों के माध्यम से आता है। समय पर जाँच निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार प्रारंभ करना बेहतर है। रोग के लक्षण सर्दी, खाँसी, बुखार, साँस लेने की तकलीफ, गले में खराश, निमोनिया के रूप में सामने आते हैं।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने बताया कि प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल में स्वाईन फ्लू के लिए आवश्यक औषधियाँ और जाँच सुविधा उपलब्ध करवाई गई हैं। अस्पताल में एच-1, एन-1 वार्ड प्रारंभ किए गए हैं। एम्बूलेंस 108 और एडवांस लाइफ सपोर्ट सुविधा से युक्त वाहन रोगी को अस्पताल तक पहुँचाने का माध्यम हैं। जनता पर इलाज का आर्थिक बोझ नहीं आए, इसके लिए नि:शुल्क औषधियाँ और अन्य दवाएँ काफी कम कीमत पर मिलती हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि कमियाँ दूर करने और स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ाने में एक लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी प्रदेश की जनता को स्वस्थ रखने सक्रिय हैं। कार्यशाला को एम्स, भोपाल के निदेशक डॉ. संदीप कुमार के अलावा डॉ. अल्केश खुराना और अन्य विशेषज्ञों ने संबोधित किया। कार्यशाला में स्‍वाइन फ्लू रोग की श्रेणियों और उपचार प्रोटोकाल के संबंध में चिकित्सक वर्ग के लिए विस्तार से जरूरी जानकारियाँ दी गईं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वीणा सिन्हा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। स्वास्थ्य आयुक्त पंकज अग्रवाल, मिशन संचालक एन.एच.एम. फैज अहमद किदवई भी उपस्थित थे। संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ भोपाल संभाग डॉ. किरण शेजवार ने आभार माना।

स्‍वाइन फ्लू की आशंका होने पर जयप्रकाश अस्पताल, भोपाल में दूरभाष क्रमांक 0755-2551291 और 0755-2551293 पर आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त की जा सकती है।

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