भोपाल, जनवरी 2015/ ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि बिजली सुधार एवं अधोसंरचना के कार्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन कार्यों को समय पर न करने वाली एजेन्सियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। श्री शुक्ल ने इन कार्यों में लगी एजेन्सियों को लेबर एवं मटेरियल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा है। वे मंत्रालय में विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली एवं अधोसंरचना के कार्य बरसात के पूर्व अनिवार्य रूप से पूरे कर लिए जाए। लक्ष्यों की पूर्ति न होने पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। निर्माण एजेन्सियां कार्य की अग्रिम योजना तैयार कर लक्ष्यों की पूर्ति करें। सामग्री उपलब्धता तथा लेबर आदि की कठिनाइयों को दूर करने के साथ संबंधित क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों से समन्वय बनाया जाए। अधिकारी निर्माण कार्य में लगे मजूदरों को दी जा रही मजदूरी के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत कम्पनियाँ अपने क्षेत्र में वितरण हानियों को कम करने के प्रभावी कदम उठायें। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उपभोक्ताओं को बिजली खपत के अनुसार उपलब्ध करवाये जा रहे बिलों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की।
बैठक में प्रमुख रूप से फीडर सेपरेशन, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण, आरएपीडीआरपी एवं एशिया डेव्हलपमेन्ट योजना निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आई.सी.पी. केसरी ने निर्माण एजेंसियों से कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। ऊर्जा क्षेत्र के निर्धारित लक्ष्यों को हर हाल में पूरा करने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विवेक पोरवाल, विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी मुकुल धारीवाल एवं विद्युत वितरण कम्पनियों के अधिकारी तथा संबंधित एजेन्सियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।