भोपाल, जनवरी 2015/ मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू (एच-1 एन-1) के उपचार की टेमी फ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के ज्यादा मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। इन राज्यों की यात्रा कर लौटे नागरिकों में कुछ मामले इंदौर और भोपाल में पाए गए हैं। इनमें जिन लोगों में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया है उन्हें हाई रिस्क केटेगरी में रखा गया है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इसके उपचार के लिए प्रदेश के अस्पतालों में आवश्यक दवाओं का पर्याप्त प्रबंध किया गया है। ग्वालियर तथा जबलपुर में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है।

स्वास्थ्य मंत्री ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि बुखार के साथ गले में तेज दर्द होने की स्थिति में तत्काल नजदीकी शासकीय अस्पताल में पहुँचकर नि:शुल्क जाँच करवायें। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार के लिए वार्ड चिन्हित किए गए हैं । मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष को उपचार के लिए नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। भारत शासन द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार की व्यवस्था की गई है। दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

निजी क्षेत्र के चिकित्सालय अधिकारिक रूप से किसी भी मृत्यु की सूचना समाचार-पत्रों में देने के लिए अधिकृत नहीं है । ऐसी स्थिति में भ्रम फैलाने के लिये उनके चिकित्सालय के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी। निजी संस्थाएँ स्वाइन फ्लू के प्रकरण को केस-शीट के साथ प्रतिदिन समीक्षा के लिये संभाग स्तर पर मेडिकल कॉलेज के डीन की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रस्तुत करेगी। समिति में संभागीय संयुक्त संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा मेडिसिन विभागाध्यक्ष एवं नोडल अधिकारी सदस्य होंगे जो 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट संचालनालय को प्रस्तुत करेंगे। राज्य में स्थिति पूर्णत: नियंत्रण में है तथा 13 पॉजिटिव पाये जाने वाले प्रकरण में उपचार दिया जा रहा है।

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