भोपाल, जनवरी 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर भेंट कर उन्हें खंडवा जिले में स्थित सिंगाजी ताप विद्युतगृह के लोकार्पण के लिये मध्यप्रदेश आने का न्यौता दिया। उन्होंने श्री मोदी से अप्रैल, 2016 में होने वाले ‘सिंहस्थ’ महाकुम्भ में उज्जैन आने का भी आग्रह किया।

”सिंहस्थ” महापर्व धर्म और आध्यात्म की दृष्टि से तो अपना विशेष स्थान रखता ही है, वहीं साधु, सन्तों, विद्वानों के विचार-विमर्श और लाखों की संख्या में देश के विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालु और विदेशी नागरिक ज्ञान और आस्था के इस संगम का लाभ उठाते हैं। राज्य सरकार इस बार सिंहस्थ पर स्वच्छ भारत निर्माण, आध्यात्म, पर्यावरण एवं पृथ्वी संरक्षण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का भी आयोजन करेगी।

प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के बासमती उत्पादक कृषकों की पीड़ा और इस संबंध में राज्य की गहन चिंता का उल्लेख करते हुए एपीडा द्वारा बासमती चावल के संबंध में भौगोलिक पंजीयक चेन्नई के 31 दिसम्बर 2013 के फैसले, जिसमें बासमती चावल उत्पादक राज्यों में मध्यप्रदेश को शामिल करने का आदेश दिया गया था, के विरूद्ध अपील में चले जाने का प्रकरण रखा। एपीडा के बौद्धिक सम्पदा अधिकार सम्बन्धी बोर्ड में चले जाने से जहाँ प्रदेश के किसानों के हितों पर तुषारापात हुआ है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी बासमती चावल खरीदे जाने की स्थितियाँ निर्मित हो रही हैं। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की ताकि प्रदेश के बासमती चावल उत्पादक कृषकों के हितों की रक्षा की जा सके और प्रदेश के बासमती चावल का निर्यात पूर्ववत जारी रह सके।

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री से प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) का दायरा बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रामीण पेयजल योजना, माइक्रो इरीगेशन, लॉजिस्टिक पार्क, मेडिकल कॉलेज, भोपाल और इंदौर की मेट्रो रेल आदि को प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप के दायरे में लाने के लिए व्यवहारिक अंतरकोष (बीजीएफ) में संशोधन के लिये वित्त विभाग को निर्देशित करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को मध्यप्रदेश आने का आश्वासन दिया। साथ ही राज्य हित के मामलों में यथासंभव सहायता और समाधान के लिये भी आश्वस्त किया।

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