भोपाल, जनवरी 2015/ वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में जल्दबाजी में किये जाने वाले शासकीय क्रय और इससे वित्तीय अनुशासन में हर संभावित चूक के मद्देनजर राज्य शासन ने प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 जनवरी, 2015 के बाद शासकीय क्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2014-15 की समाप्ति तक क्रय के लिये विभिन्न स्तर पर प्रदत्त शक्तियाँ अधिक्रमित रहेंगी। यह प्रतिबंध लघु उद्योग निगम एवं सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से क्रय की जाने वाली सामग्री पर भी लागू होगा।

कुछ मदों में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इनमें विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाएँ, अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता से प्रायोजित योजनाएँ, केन्द्रीय क्षेत्रीय योजनाएँ, केन्द्र प्रवर्तित योजनाएँ, पेयजल से संबंधित योजनाएँ और गृह विभाग के आयोजनेत्तर मद में प्राप्त केन्द्रीय अनुदान शामिल है। इसके अलावा जिन प्रकरण में क्रय के लिये सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद क्रय आदेश 15 जनवरी के पूर्व कार्यालय द्वारा जारी किया जा चुका है, उस पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

ऐसे प्रकरण में भी प्रतिबंध लागू नहीं होगा, जिनमें छात्रावास, आश्रम, विद्यालय, अस्पताल, जेल, पशु-चिकित्सालय, आँगनवाड़ी के संचालन के लिये आवश्यक दवाइयों एवं खाद्य सामग्री की पूर्ति के लिये क्रय किया जाना होगा। साथ ही तेरहवें वित्त आयोग की सहायता के अंतर्गत उच्च-स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित कार्य-योजना के क्रियान्वयन, 5000 रुपये तक डाक टिकट एवं आकस्मिक व्यय तथा शासकीय सामग्री के डायरी और केलेण्डर पर भी यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

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