भोपाल, जनवरी 2015/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अब हर तीन माह में मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में सामूहिक बैठक लेकर विभागवार समीक्षा करेंगे। श्री चौहान ने यहाँ वार्षिक विभागीय लक्ष्यों की उपलब्धियों के संबंध में संयुक्त बैठक में निर्देश दिये कि विभागों के बजट प्रस्ताव राज्य सरकार के दृष्टि-पत्र और संकल्प-पत्र के आधार पर बनाये जाये। मंत्रीगण स्वयं बजट प्रस्ताव का परीक्षण करें। नये साल में नये उत्साह, उमंग और ऊर्जा के साथ काम करें। बैठक में मंत्रीगण, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित थे। यह मेराथन बैठक दोपहर 12 बजे से देर शाम तक चली। अगली सामूहिक बैठक अप्रैल माह में होगी।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये सभी विभाग सकारात्मक मानसिकता से काम करें। वे स्वयं हर सोमवार को निवेशकों से मुलाकात करते हैं। अब माह के अंतिम सोमवार को पूर्व के तीन सोमवार को दिये गये निर्देशों का फॉलोअप करेंगे। सभी विभाग वर्ष 2015-16 में दृष्टि-पत्र के अनुसार किये जाने वाले कार्यों का रोड मेप बनायें। राजस्व संग्रहण करने वाले विभाग आगामी तीन माह में सघन प्रयास कर लक्ष्य के अनुरूप कर संग्रहण करें। सिंहस्थ 2016 के लिये सभी विभाग आवश्यक रिक्त पदों की पूर्ति तत्काल करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये केन्द्र सरकार द्वारा जिन बिन्दु को चिन्हित किया गया है उन पर कार्रवाई के लिये सभी विभाग दो सप्ताह के अंदर रोड मेप बनायें। राज्य सरकार द्वारा प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिये 68 बिन्दु चिन्हांकित किये गये हैं। स्वच्छ भारत अभियान में सभी विभाग स्व-प्रेरणा से कार्य करें। सभी मंत्रीगण और अधिकारी पाले से फसल को बचाने के संबंध में किसानों को जागरूक करें। शीत लहर से निपटने की व्यवस्था का अपने-अपने क्षेत्र में निरीक्षण करें।
श्री चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी हालत में स्वीकार नहीं। रंगे हाथ पकड़े गये अधिकारी-कर्मचारी को तत्काल निलंबित किया जाये। अभियोजन स्वीकृति के लिये लोकायुक्त द्वारा प्राप्त प्रकरणों का निराकरण दो माह की समय-सीमा में हो। विभागीय जाँच एक वर्ष की समय-सीमा में पूरी की जाये। एक वर्ष की अवधि के ऐसे न्यायालयीन प्रकरण जिनमें शासन की जीत नहीं हुई उनकी विभागवार सूची तैयार की जाये। विधि विभाग में सेल बना कर ऐसे प्रकरणों की समीक्षा हो। ऐसे शासकीय अधिवक्ता जो शासन के पक्ष में खड़े नहीं हुए उन्हें पुन: नहीं लिया जाय। न्यायालयीन प्रकरणों में सक्षम अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया जाये। मंथन की अनुशंसाओं पर सभी विभाग आगामी 14 जनवरी तक अनिवार्य रूप से अपनी राय दें। श्री चौहान ने किसानों को पाले से बचाने के उपाय सुझाने और शीत लहर के चलते प्रशासन को पूरी ताकत के साथ राहत कार्यों में लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने पिछले दिनों रात में किये गये रैन बसेरों और नगर भ्रमण का उल्लेख करते हुए मंत्रियों से भी रात्रि में व्यवस्थाएँ देखने को कहा।
बैठक में विभिन्न विभाग ने वार्षिक लक्ष्यों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि धान, मूँगफली और कपास में प्रदेश राष्ट्रीय उत्पादकता से अधिक हो गया है। अगले वर्ष गन्ना, गेहूँ, मसूर और मक्का की उत्पादकता बढ़ाने का कार्य किया जायेगा। प्रदेश में अगले एक साल में ग्रामवार फर्टिलाइजर मेपिंग की जायेगी। प्रदेश में इस वर्ष 23 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की गई है, जो लक्ष्य से 30 हजार हेक्टेयर अधिक है। प्रदेश में 150 के लक्ष्य के विरूद्ध 195 लघु सिंचाई योजनाएँ पूरी की गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का फॉलोअप सिस्टम बनाया गया है। इसमें प्राप्त 3,164 निवेश प्रस्तावों की ऑनलाइन मानीटरिंग की जा रही है। प्रदेश में इस वर्ष देश में सर्वाधिक 309 मेगावॉट नवकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित हुई है। जारी वर्ष के अंत तक प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 1700 मेगावॉट हो जायेगी। वन विभाग द्वारा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में सड़कों के विकास कार्य प्रारंभ किये गये हैं। विन्ध्य क्षेत्र में पुन: सफेद टाइगर बसाने का कार्य किया जा रहा है। गृह विभाग महिला अपराधों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति पर कार्य कर रहा है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में की गयी त्वरित और सक्षम विवेचना से 17 प्रकरण में मृत्यु दण्ड की सजा हुई है। पुलिस बल के लिये 10 हजार 500 मकान हुडको से ऋण लेकर बनाये जा रहे हैं। चरित्र सत्यापन की गति तेज हो गयी है। लोक सेवा प्रबंधन में प्रदेश में किये गये परिणाममूलक कार्यों के फलस्वरूप विश्व बेंक द्वारा सर्व सेवा परियोजना के तहत लोक सेवा प्रबंधन के लिये 300 करोड़ की फंडिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास, श्रम, नर्मदा घाटी विकास, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, राजस्व, सामाजिक न्याय, धर्मस्व, खेल एवं युवा कल्याण, पर्यटन, पशुपालन, जेल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने विभागों की उपलब्धियों, नये लक्ष्यों का निर्धारण एवं पूर्ति और आगामी योजनाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विभाग प्रमुखों से मैदानी दौरों के संबंध में भी पूछा।
नगरीय विकास और पर्यावरण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने शहरी अधोसंरचना विकास परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिये। शहरी गरीब लोगों के लिये सस्ते मकान बनाने की योजनाओं में जमीन संबंधी मुद्दों को भी तेजी से हल करने के लिये कहा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने सभी गाँवों को सड़कों से जोड़ने का काम पूरा करने के निर्देश दिये। उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्चुअल क्लासेस को और प्रभावी बनाने और ऑल इण्डिया परीक्षाओं के लिये विद्यार्थियों को कोचिंग सुविधा जल्दी शुरू करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पंजीकृत श्रमिक को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिये। ग्राम आरोग्य केन्द्रों को सक्रिय बनाने और सभी जिलों में केन्सर के इलाज की सुविधा बढ़ाने, डायलेसिस मशीन स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अगले एक साल के भीतर स्वास्थ्य विभाग को देश का सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य विभाग बनाने के सभी जरूरी कदम उठायें।
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य सेवा गारंटी योजना को भारत सरकार ने अपना लिया है और हर राज्य को इसे लागू करने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 को पर्यटन वर्ष घोषित किया गया है। सिंहस्थ के आयोजन तक पर्यटन की गतिविधियाँ जारी रहेंगी। सिंहस्थ को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से प्रचारित किया जायेगा।
धर्मस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि तीर्थ-दर्शन योजना में मंत्रियों, विधायकों को भी श्रद्धालुओं के साथ जाना चाहिये। जेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सी.सी.टी.व्ही केमरा और सीमित उपयोग वाला जेमर लगाने के भी निर्देश दिये।
तकनीकी और कौशल विकास की समीक्षा में बताया गया कि कारीगर समृद्धि योजना बनाई जा रही है। इसमें कारीगरों के कौशल का प्रमाणीकरण किया जायेगा जिससे उन्हें अपने हुनर का ज्यादा मेहनताना मिले। यह भी बताया गया कि उद्योग और पॉलिटेक्निक के बीच प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम निर्माण के लिये एम.ओ.यू. हुआ है। इससे विद्यार्थियों को अच्छा प्लेसमेंट मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कुशल वित्तीय प्रबंधन के लिये वित्त मंत्री जयंत मलैया सहित अपर मुख्य सचिव वित्त अजय नाथ तथा उनकी टीम की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मदद में खर्च किये गये 12,000 करोड़ रुपये तथा शासकीय अमले को केन्द्र के समान महँगाई भत्ता देने में हुए अतिरिक्त खर्च के बावजूद प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूरी तरह पटरी पर रही।