भोपाल, जनवरी 2015/ वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने कहा है कि साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान-अध्ययन विश्वविद्यालय ज्ञान, दर्शन, धर्म, संस्कृति, शोध, अध्ययन सहित जिन उद्देश्य को लेकर प्रारंभ किया गया है, उससे समाज, देश और समूचा विश्व लाभान्वित होगा। वन मंत्री डॉ. शेजवार ग्राम बारला में विश्वविद्यालय के बौद्ध दर्शन पाठ्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे।

डॉ. शेजवार ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से धर्म, दर्शन, ज्ञान के अध्ययन और शोध से जो निष्कर्ष निकलेंगे, उनकी हमारे लोक-कल्याणकारी मूल्यों और संस्कृति की पुनस्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यदि व्यक्ति राष्ट्रवादी होगा तो हमारी संस्कृति भी संरक्षित और प्रवाहमान होगी। हमें मनुष्य से या इस सृष्टि से जो भी मिलता है, उसके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिये। उन्होंने नव-प्रवेशी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं।

कुलाधिपति एस. रिम्पोचे ने कहा कि अभी तक कहीं भी समग्र बौद्ध अध्ययन की व्यवस्था नहीं थी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से भारतीय ज्ञान और बौद्ध दर्शन पर शोध से जो निष्कर्ष निकलेंगे, वे समाज के लिये मार्गदर्शक होंगे। कुलाधिपति ने कहा कि किसी भी संस्कृति या परम्परा को केवल मानना ही नहीं है, बल्कि उसे जानना और अपनाना चाहिये। विश्वविद्यालय की स्थापना से ज्ञान, दर्शन, संस्कृति की परम्पराओं का तार्किक आधार पर शोध किया जा सकेगा, जो बौद्ध-भारतीय संस्कृति को समृद्ध करेगा।

कुलपति डॉ. शशि प्रभा कुमार ने बताया कि आठ पाठ्यक्रम के साथ विश्वविद्यालय का शुभारंभ करने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में बौद्ध दर्शन पर आधारित पाठ्यक्रम का शुभारंभ आज किया गया। इस पाठ्यक्रम में देश भर के 13 छात्र ने प्रवेश लिया है। अगले चरण में 12 जनवरी को भारतीय दर्शन पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया जायेगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश गुप्ता भी उपस्थित थे।

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