भोपाल, जनवरी 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए साल की शुरुआत सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा के साथ की। यहाँ मंत्रालय में सिंहस्थ की समीक्षा करते हुए उन्होंने सिंहस्थ 2016 को विश्व समुदाय के लिये पर्यावरण, मूल्य आधारित जीवन शैली, महिला सशक्तिकरण और धार्मिक शिक्षाओं और मूल्यों पर आधारित सन्देश देने का वैश्विक मंच बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ एक वैश्विक आध्यात्मिक आयोजन है। इसका लाभ लेकर दुनिया को बेहतर जीवन जीने और पर्यावरण को बचाने के भारतीय दृष्टिकोण का प्रसार करना एक सकारात्मक कार्य होगा। उन्होंने मुख्य सचिव को इन विषयों पर विश्व-स्तरीय संगोष्ठियों के लिये समय-सारिणी बनाने और स्वयंसेवी संगठनों, विद्वानों, विषय-विशेषज्ञों को आयोजन की जिम्मेदारी के लिये तैयार करने के निर्देश दिये।
श्री चौहान ने कहा कि उज्जैन शहर के लिए अधोसंरचना निर्माण के जितने भी जरूरी काम हो, उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाये। सिंहस्थ 2016 के विचार-विमर्श के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की श्रंखला की शुरूआत अप्रैल से होगी। उज्जैन शहर में रूद्र सागर और क्षीर सागर की सफाई के लिये स्वच्छता अभियान के तहत जन-भागीदारी से अभियान चलाया जायेगा। वे स्वयं भी इस अभियान में भागीदारी करेंगे।
बैठक में बताया गया कि सिंहस्थ के लिये बनने वाली नागरिक सुविधाएँ स्थायी रूप से बने रहेंगी। मुख्यमंत्री ने शहर में अतिक्रमण के मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ समाधान करने के भी निर्देश दिये। सिंहस्थ के सफल आयोजन के लिये उन्होंने सभी वर्गों, धर्मों के प्रमुखों के साथ बैठक करने एवं लगातार संवाद के माध्यम से सहमति बनाने के निर्देश भी दिये।
बताया गया कि सिंहस्थ से संबंधित सभी काम संतोषजनक रूप से तेज गति से चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना की दृष्टि से बड़े काम पर विशेष ध्यान देने और बजट का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सिंहस्थ के कार्यों को देखते हुए संबंधित विभाग एवं संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदस्थापनाएँ करने के निर्देश दिये। विशेषज्ञता प्राप्त अशासकीय संगठनों का भी सहयोग लेने के निर्देश देते हुए कहा कि इस वैश्विक आयोजन में समुदाय की भागीदारी के लिये भी रास्ता बनायें।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि स्थायी प्रकृति के जितने अधोसंरचनात्मक कार्य अभी हो रहे हैं उतने सिंहस्थ के इतिहास में पहले कभी नहीं हुए। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.के. मिश्रा, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन. मिश्रा, सचिव मुख्यमंत्री विवेक अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के मुख्य बिन्दु
पिछले सिंहस्थ से दोगुने से भी अधिक श्रद्धालु आने की संभावना।
सिंहस्थ के दौरान 20 लाख लोग स्थायी रूप से उज्जैन में रहेंगे।
श्रद्धालुओं के लिये व्यापक इंतजाम युद्ध-स्तर पर जारी।
लगभग 100 देश से पहुँचेंगे दर्शनार्थी।
सनातन परम्परा के साथ सम-सामयिक वैश्विक सरोकारों पर चर्चा होगी, संपूर्ण विश्व में पहुँचेगा संदेश।
विश्व-विख्यात विद्वानों को आमंत्रण।
विश्व-स्तरीय संगोष्ठियों की शुरूआत आगामी अप्रैल से।
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर नगर में पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, धर्मों की मूलभूत एकता, इंसानियत जैसे विषय पर सिंहस्थ से पहले संगोष्ठियों का आयोजन।
उज्जैन में मूल्य आधारित जीवन शैली विषय पर विश्व-स्तरीय संगोष्ठी।
सिंहस्थ से पहले उज्जैन में जन-जन को जोड़कर चलेगा स्वच्छता अभियान।
मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे स्वच्छता अभियान में।
उज्जैन में स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान।
स्थायी प्रकृति के इतने कार्य सिंहस्थ के इतिहास में पहले कभी नहीं।