भोपाल, दिसम्बर 2014/ प्रदेश में लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम में वर्ष 2014-15 के दौरान अब तक 44 विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों पर 2 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस अनूठे कानून में तय समय-सीमा में सेवाएँ नहीं देने पर संबंधित अधिकारी पर 250 से लेकर 5000 रुपये तक का अर्थ दण्ड किये जाने का प्रावधान है। अकेले नवम्बर माह में 4 अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

राज्य में लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम वर्ष 2010 से लागू है। अधिनियम में राज्य शासन की ओर से विभिन्न विभाग की जन-सामान्य को दी जाने वाली सेवाओं को नियत समय-सीमा में प्रदान किया जाता है। इसमें पूर्व से 21 विभाग की 102 सेवाएँ अधिसूचित हैं। हाल ही में 26 और सेवाओं को इसमें शामिल किया गया है।

प्रदेश के 336 लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अभी तक 15 विभाग की 48 अधिसूचित सेवाएँ जन-सामान्य को ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ऑनलाइन सेवाओं के प्रदाय में एक नया अध्याय जोड़ा गया है। अब 48 पूर्व सेवाओं के साथ योजना आर्थिकी एवं सांख्यिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्रम, नगरीय प्रशासन एवं विकास, राजस्व, सामान्य प्रशासन, महिला-बाल विकास एवं गृह विभाग की 20 अन्य अधिसूचित सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। ये सभी सेवाएँ अब प्रदेश के लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन दी जा सकेगी। इन 20 सेवा के साथ लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन दी जाने वाली सेवाओं की संख्या 68 हो गई है। सेवाओं के लिये साफ्टवेयर एन.आई.सी. द्वारा विकसित किया गया है।

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