भोपाल, दिसम्बर 2014/ मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों में लागू अनुकम्पा नियुक्ति नीति-2013 के प्रावधान में संशोधन किए गए हैं। संशोधन के अनुसार 10 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15 नवम्बर 2000 के बाद के दुर्घटना मृत्यु के प्रकरण को भी अनुकम्पा नीति में शामिल किया गया है।
विद्युतकर्मी के कार्य दौरान दुर्घटना में मृत्यु के प्रकरणों को अनुकम्पा नियुक्ति में सामान्य मृत्यु के प्रकरणों के ऊपर प्राथमिकता दी जायेगी। दुर्घटना मृत्यु में मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल/कंपनी में कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या और कार्य के दौरान वाहन दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। संशोधन के अनुसार दुर्घटना मृत्यु के दिनांक 10 अप्रैल 2012 के पूर्व के प्रकरणों में अनुकम्पा नीति 2013 के समान ही अधिकत्तम आयु सीमा मृतक सेवक की पत्नी अथवा पति के मामले में पूर्णत: शिथिल रहेगी। परन्तु नए पात्र आश्रित को भी अनुकम्पा नियुक्ति निर्धारित आयु सीमा में दुर्घटना मृत्यु दिनांक से नीति जारी होने की तिथि अथवा 8 वर्ष जो भी अधिक की छूट दी जायेगी।
इसी प्रकार दुर्घटना मृत्यु के पुराने प्रकरणों में भी संशोधित आदेश जारी होने की दिनांक 1 अप्रैल 2014 से 3 वर्ष तक पद उपलब्धता होने पर ही आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी। इस संबंध में यह भी कहा गया है कि आदेश जारी होने की तिथि 1 नवम्बर 2014 से अगले एक वर्ष तक पूर्वति प्रकरणों के आवेदन स्वीकार किए जायेंगे। आगामी स्थिति में यथा अनुसार आवेदन दुर्घटना दिनांक से 6 माह तक स्वीकार किए जायेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के सभी प्रकरण में आश्रितों को पद के अनुसार न्यूनतम योग्यता शैक्षणिक योग्यता के मापदण्ड के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
विद्युत कंपनियों के सभी प्रबंध संचालकों को जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया है। संशोधित आदेश की जानकारी विद्युत कंपनियों के प्रबंध संचालकों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी गई है।