भोपाल, दिसम्बर 2014/ महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने भोपाल के बाग दिलकुशा स्थित आँगनवाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पोषण-आहार, बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक न पाये जाने पर एक आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को हटाने और संबंधित परियोजना अधिकारी महिला-बाल विकास तथा पर्यवेक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास जे.एन. कंसोटिया भी उपस्थित थे।

मंत्री दोपहर में बाग दिलकुशा पहुँचीं और उन्होंने वहाँ पर आँगनवाड़ी केन्द्र 318, 378, 379 और 476 का आकस्मिक निरीक्षण किया। बच्चों की उपस्थिति के साथ ही उनको दिये जाने वाले नाश्ते और भोजन की भी जानकारी प्राप्त की। आँगनवाड़ी केन्द्र 318 और 378 में पाई गई अनियमितता पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। प्रमुख सचिव को निर्देश दिये कि वे तत्काल इसकी जाँच करवायें और दोषी पाये जाने पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

श्रीमती सिंह ने शासकीय आँगनवाड़ी केन्द्र 379 और 476 के निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं को संतोषजनक पाया। इन केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति और उनको दिये जाने वाले पोषण-आहार की नियमितता पाई गई। उन्होंने आँगनवाड़ी सहायिका की तत्काल नियुक्ति करने के निर्देश दिये।

श्रीमती माया सिंह ने आँगनवाड़ी केन्द्रों में अनियमितता पाये जाने पर अपने कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाली परियोजना अधिकारी श्रीमती सुमेधा त्रिपाठी एवं पर्यवेक्षक श्रीमती शगुफ्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। प्रमुख सचिव से कहा कि पूरे प्रदेश में आँगनवाड़ी केन्द्रों के नियमित निरीक्षण के लिये सुनिश्चित व्यवस्था की जाये। पूरक-पोषण आहार की निरंतर मॉनीटरिंग हो और जो स्व-सहायता समूह ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं, उनकी सेवाएँ तत्काल समाप्त की जाएं।

महिला-बाल विकास मंत्री ने 23 दिसम्बर से शुरू हुए बाल-सुरक्षा सप्ताह में आँगनवाड़ी केन्द्र 476 में एक बच्चे को विटामिन-ए की दवा पिलाई। प्रमुख सचिव जे.एन. कंसोटिया ने भी बच्चे को विटामिन-ए की दवा दी। उन्होंने बाल-सुरक्षा सप्ताह के दौरान होने वाली गतिविधि के बारे में आँगनवाड़ी सहायिका से जानकारी प्राप्त की।

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