भोपाल, दिसम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यहाँ सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में प्रदेश में लोक-परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मध्यप्रदेश इन्टरसिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (प्राधिकरण) के गठन को स्वीकृति दी गई। प्राधिकरण लोक-परिवहन से संबंधित अधोसंरचना का विकास एवं संधारण करेगा। इसमें बस स्टेण्ड एवं अन्य संरचनाएँ शामिल हैं।

प्राधिकरण लोक-परिवहन में आवश्यक मार्गों के युक्तियुक्तकरण के लिए कार्य करेगा। सभी मार्ग पर आम जनता को जरूरत के मुताबिक लोक-परिवहन व्यवस्था मिल सके इसके लिए भी यह प्रयास करेगा। लोक-परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए यह आधुनिक तकनीक को भी बढ़ावा देगा। प्राधिकरण के लिए 17 पद के निर्माण की स्वीकृति भी दी गई।

भंडार क्रय

मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों में क्रय के लिए वित्तीय सीमाओं के पुनरीक्षण को भी मंजूरी दी गई। वर्तमान में निविदा आमंत्रित किये बिना 250 रुपये, एकल निविदा के लिए 1000 रुपये, सीमित निविदा के लिए 1000 से 25 हजार तथा खुली निविदा के लिए 25 हजार से अधिक की वित्तीय सीमाएँ निर्धारित हैं। यह सीमाएँ 16 वर्ष पूर्व नवम्बर 1998 में प्रभावशील की गई थीं।

पुनरीक्षित सीमाओं के अनुसार अब बिना कोटेशन के सामग्री क्रय करने के लिए 15 हजार रुपये तक की सीमा निर्धारित की गई है। इसके अलावा 15 हजार से अधिक और एक लाख तक के क्रय के लिए विभागीय क्रय समिति के माध्यम से क्रय प्रक्रिया निर्धारित की गई है। एक लाख से अधिक और 5 लाख तक के क्रय के लिए सीमित निविदा पद्धति लागू करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। रुपये 5 लाख से अधिक के क्रय के लिए खुली निविदा की प्रक्रिया तय की गई है।

नगरीय प्रशासन विभाग

संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया। इसके फलस्वरूप संभागीय कार्यालयों का उन्नयन कर उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय बनाया गया है। पुनर्गठित संचालनालय में आयुक्त और मिशन संचालक के पद भारतीय प्रशासनिक सेवा के होंगे। साथ ही 3 अपर संचालक, 16 संयुक्त संचालक, 11 उप संचालक और 22 सहायक संचालक होंगे। इसके अलावा 323 अन्य पद होंगे।

मंत्री-परिषद् ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम में समय-सीमा में लोक सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए संविदा आधार पर पदस्थ 51 जिला प्रबंधक तथा 51 कार्यालय सहायक के पद को आगामी 5 वर्ष या परियोजना अवधि, जो भी पहले हो, तक जारी रखने का निर्णय लिया।

औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों में इकाइयों को आवंटित भू-खण्ड के अंतरित प्रकरणों में 1 अप्रैल 1999 से 1 जुलाई 2009 तक 20 प्रतिशत हस्तांतरण शुल्क को मान्य किया।

रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएँ के संभागीय कार्यालयों के लिए 27 अस्थायी पद को 30 प्रतिशत पदों की कटौती से छूट प्रदान कर उन्हें 28 फरवरी 2015 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया। इससे संभागीय कार्यालय अधिक सुचारू रूप से काम कर सकेंगे।

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