भोपाल, दिसम्बर 2014/ प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में 110 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। इनकी स्क्रीनिंग के बाद उपचार की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। उल्लेखनीय है कि इस योजना में राज्य सरकार ने मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थान में रोगियों के इलाज के लिये 8 लाख रूपये तक की राशि प्रदान करने का प्रावधान किया है। प्रदेश में पिछले 20 नवम्बर से टी.बी. और कुष्ठ रोग के सर्वे का एक माह का अभियान भी प्रारंभ किया गया। अभियान पूर्ण होने पर चिन्हित रोगी को उपचार का लाभ मिलेगा। इस अभियान में करीब 50 हजार गाँव में प्रभावित रोगियों के चिन्हांकन के लिये चिकित्सकों को दायित्व सौंपा गया।
प्रदेश में सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना का लाभ सभी सरकारी अस्पतालों में रोगियों को दिया जा रहा है। इसके साथ ही एम्बुलेंस सेवा, पौष्टिक भोजन, चिकित्सकीय जाँच की सुविधा दी जा रही है। इन सेवाओं के स्तर को देखने के लिये राजधानी से 100 सदस्यीय दल को जिलावार दायित्व दिया गया है। प्रति जिला दो चिकित्सक संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ स्वास्थ्य केन्द्रों के निरीक्षण की कार्यवाही कर रहे हैं। निरीक्षण प्रति सप्ताह किये जा रहे हैं। उत्कृष्ट सेवाएँ देने वाले शासकीय सेवक पुरस्कृत और लापरवाह शासकीय सेवक दण्डित किये जा रहे हैं। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुक्त और मिशन डायरेक्टर एन.एच.एम द्वारा साप्ताहिक पेपरलेस मीटिंग भी की जा रही है।
प्रदेश में केंसर रोग चिकित्सा की प्रभावी पहल भी की गई है। गत माह करीब 2000 केंसर रोगी दर्ज हुए हैं। मध्यप्रदेश में जल्द ही सभी 51 जिला अस्पताल केंसर रोगियों के उपचार का कार्य करेंगे। प्रारंभ में 20 जिले से प्रारंभ हुई केंसर कीमोथेरेपी सुविधा का विस्तार अब 40 जिले तक हो गया है। आगामी जनवरी माह से सभी जिले में केंसर उपचार में प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञ पदस्थ हो जायेंगे।
केंसर रोग उपचार के लिये चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिलवाया है। राजधानी स्थित गैस राहत विभाग के अस्पतालों के डॉक्टर्स को भी प्रशिक्षित कर आगामी एक जनवरी से उनकी सेवाएँ केंसर रोग उपचार के लिये ली जायेंगी।