भोपाल, दिसम्बर 2014/ राज्य शासन ने प्रदेश की शालाओं में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करवाने और अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के निर्देश सभी शिक्षा अधिकारी एवं डीपीसी को दिये हैं। जिलों को निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाने को कहा गया है।
शालाओं में विद्युत उपकरणों के उपयोग के संबंध में विद्यार्थियों द्वारा अपनाई जाने वाली सावधानी से उन्हें अवगत करवाने को कहा गया है। उपकरणों से होने वाली संभावित दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है, इसकी जानकारी सभी विद्यार्थी को देने को कहा गया है। शाला परिसर में विद्युत कनेक्शन में अर्थिंग की उचित व्यवस्था विद्युतीकरण के समय ही होना चाहिए। शालाओं में अवैध कनेक्शन या जोड़-तोड़ से विद्युत-व्यवस्था कतई नहीं की जाये। सावधानी रखी जाये कि बिजली के तार खुले न रहे। नये शाला भवन का अधिग्रहण करते समय या विद्युतीकरण के पूर्व पीडब्ल्यूडी से इस बात की जाँच करवाने को कहा गया है कि उसमें मानक गुणवत्ता/आईएसआई मार्क का उपयोग किया गया है।
शालाओं में किसी भी स्थिति में मेटेलिक वस्तु एवं पानी वाली जगह पर बिजली के तार खुले न रहे। विद्युतीकरण के लिए एम.सी.बी. स्थापित कर उसका उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाये। विद्युत उपकरण, स्विच बोर्ड, स्विच आदि बच्चों की पहुँच से दूर लगवाये जाये तथा उनका उपयोग अधिकृत व्यक्ति से ही करवाया जाये। विद्युत उपकरण रखने के स्थान तथा स्विच बोर्ड के आसपास नमी/आद्रता नहीं होना चाहिये। ऐसे स्थान जहाँ बिजली सप्लाई के तार, स्विच बोर्ड उपकरण हो वहाँ ‘सावधान’ या ‘खतरनाक’ का बोर्ड या पट्टिका लगवाकर इसकी जानकारी विद्यार्थियों को दी जाये। सुरक्षा की दृष्टि से वर्षा के दौरान आवश्यक होने पर मेन-स्विच बंद रखा जाये।
विद्युत प्रवाह के कारण यदि कोई विद्यार्थी या व्यक्ति प्रभावित होता है तो उसे बचाने के लिए सूखे बाँस के उपयोग की जानकारी सभी को दी जाये। बिजली संबंधी सभी कार्य लायसेंसधारी वायरमेन/कुशल इलेक्ट्रिशियन से ही करवाये जाये। कक्षाओं में बिजली के वायर की टेपिंग नहीं करवाने को कहा गया है। खुले वायर सुव्यवस्थित हो तथा विद्यार्थियों की पहुँच से दूर होना चाहिए।