भोपाल, दिसम्बर 2014/ पंचायत निर्वाचन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को नाम निर्देशन-पत्र के साथ जाति प्रमाण-पत्र देना होगा। यदि अभ्यर्थी के पास नाम निर्देशन-पत्र भरते समय जाति प्रमाण-पत्र नहीं है तो वह अपनी जाति संबंधी शपथ-पत्र नाम निर्देशन-पत्र की संवीक्षा प्रारंभ होने के पहले रिटर्निंग ऑफिसर को दे सकता है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम ने बताया है कि जाति प्रमाण-पत्र अथवा शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर अभ्यर्थी का नाम निर्देशन-पत्र निरस्त हो जायेगा। इसके साथ ही अभ्यर्थी को पंचायत एवं बिजली बिल के अदेय प्रमाण-पत्र भी देने होंगे।
आयोग द्वारा यह निर्णय आरक्षित पद पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सहूलियत के लिये लिया गया है। प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के लगभग 3 लाख 95 हजार पदधारी हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पद आरक्षित वर्ग के लिये है। इन पदों के लिये निर्वाचन लड़ने वाले व्यक्तियों की संख्या कई गुना होती है। इनके लिये जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्यता में कई परेशानियाँ हो सकती हैं।