भोपाल, दिसम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि जिलों में उर्वरकों का वितरण पारदर्शिता के साथ निर्धारित मूल्य पर सुनिश्चित किया जाय। कलेक्टर वितरण व्यवस्था की स्वयं मानीटरिंग करें। किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध हो। मुख्यमंत्री यहाँ वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कलेक्टरों और कमिश्नरों से बात कर रहे थे। इस दौरान मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को केन्द्र से पर्याप्त मात्रा में यूरिया के रेक मिल रहे हैं। केन्द्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री से उनकी दिल्ली में बैठक के बाद हर रोज 6-7 रेक प्रदेश को प्राप्त हो रही हैं। प्रदेश में उर्वरक की कमी नहीं है, यह जानकारी किसानों को भी दी जाये। किसान जब जरूरत हो और जितनी जरूरत हो उतनी ही यूरिया खरीदें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि उर्वरक के सुचारू वितरण की जिम्मेदारी कलेक्टरों की है। वितरण में गड़बड़ी नहीं हो, यह सुनिश्चित करें। उर्वरक की रेक अनिवार्य रूप से न्यूनतम समय-सीमा में खाली करवायें। उर्वरक वितरण में सहकारी बेंकों की लगातार मानीटरिंग करें। जहाँ पहले बोवनी हुई है वहाँ पर पहले उर्वरक उपलब्ध करवायें। मण्डियों में किसानों को अपनी उपज का वाजिब दाम मिले और उनका शोषण नहीं हो, यह भी देखें। पिछले वर्ष ओले-पाले से जिन किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल का नुकसान हुआ है उनका ब्याज राज्य सरकार भरेगी, यह सुनिश्चित करें। निमाड़ क्षेत्र में मिर्ची की फसल के नुकसान का आंकलन करें। जहाँ नयी मण्डियाँ बन रही हैं, वहाँ मण्डी स्थानांतरित करवायें। कलेक्टर बिजली बिलों की बकाया वसूली में सहयोग करें। किसानों को जागरूक करें कि यूरिया के साथ एन.पी.के. का उपयोग भी करें।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों को निर्धारित कीमत पर ही उर्वरक मिले। कलेक्टर सहकारिता तथा निजी क्षेत्र से उर्वरक उपलब्ध करवाने का स्थानीय स्तर पर निर्णय लें। ध्यान दें कि कहीं भी निहित स्वार्थी तत्व उर्वरक की कृत्रिम कमी बता कर अधिक कीमत पर बिक्री नहीं करें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में इंटेलीजेंस तथा किसान संगठनों से उर्वरक बिक्री की नियमित जानकारी प्राप्त की जा रही है। गड़बड़ी पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त आर.के. स्वाईं ने बताया कि रबी के लिये लक्षित 80 प्रतिशत उर्वरक मिल गया है। प्रदेश के 35 जिलों में पिछले वर्ष से ज्यादा उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। जिन 13 जिलों में सहकारी बेंकों की समस्या की वजह से यूरिया की कम आपूर्ति हुई थी वहाँ भी प्रत्येक सोसायटी को 20-20 टन यूरिया नकद विक्रय के लिये दिया जा रहा है। समय पर ऋण चुकाने वालों को उर्वरक देने में प्राथमिकता दी जा रही है। जिन किसानों ने समय पर ऋण नहीं चुकाया है उन्हें भी नकद पर उर्वरक उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गयी है। रेक प्राप्त होने की पहली सूचना संबंधित कलेक्टर को दी जा रही है।
कान्फ्रेसिंग में सभी कमिश्नर तथा कलेक्टरों ने अपने यहाँ यूरिया की अब तक की गयी आपूर्ति और आगे की जरूरत की जानकारी दी। बताया गया कि दिसम्बर माह में सभी जिलों की उर्वरक जरूरत पूरी की जायेगी।