भोपाल, दिसम्बर 2014/ राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना में किए गए संशोधन प्रदेश में भी लागू करने का फैसला किया है। इस संबंध में विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। व्यवस्था में आधार पर आधारित बायो-मीट्रिक अथेन्टिकेशन के आधार पर ऑनलाइन जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाना संभव होगा। इससे पेंशनरों को हर वर्ष स्वयं उपस्थित होकर अपने जीवित होने का प्रमाण देने की जरूरत नहीं होगी।

पेंशनर और परिवार पेंशनरों द्वारा बायो-मीट्रिक अथेन्टिकेशन तथा डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र वेबसाइट http://www.jeevanpramaan.gov.in/ से संबंधित एप्लीकेशन एन्ड्रायड टेब/स्मार्ट फोन/विंडोज कम्प्यूटर पर डाउनलोड की जा सकेगी। वे फिंगरप्रिंट स्केनर/आइरिस स्केनर प्राप्त कर एन्ड्रायड टेब/स्मार्ट फोन/विंडोज कम्प्यूटर के यूएसबी पर प्लग-इन कर स्वयं का आधार नंबर/बेंक खाता नंबर तथा मोबाइल फोन नंबर दर्ज कर स्वयं को पंजीकृत कर रीयल टाइम में बायो-मीट्रिक अथेन्टिकेशन स्वयं कर सकेंगे।

पेंशनर वेबसाइट पर लोकेट सेन्टर के माध्यम से अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेन्टर या जिन बेंक शाखाओं में स्केनर की सुविधा हो वहाँ से भी बायो-मीट्रिक अथेन्टिकेशन कर सकेंगे। डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्यवाही सफलता से हो जाने पर पेंशनर को उनके द्वारा दिए गए मोबाइल फोन नंबर पर एसएमएस द्वारा ट्रांजेक्शन आईडी प्राप्त होगी। इसके आधार पर वे कम्प्यूटर जनेरेटेड जीवन प्रमाण-पत्र वेबसाइट से प्राप्त कर सकेंगे। यदि कोई पेंशनर पहले से ही पंजीकृत है, तो ऐसी स्थिति में आगामी वर्ष के नवम्बर माह में डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बायो-मीट्रिक अथेन्टिकेशन करने पर संबंधित बेंक के रिकार्ड में अपने-आप अपडेट हो जायेगा।

नवीन व्यवस्था वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था के अतिरिक्त होगी। नवीन व्यवस्था लागू करने के संबंध में प्रक्रिया की जानकारी www.jeevanpramaan.gov.in  से प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा मोबाइल फोन नंबर 9425841355 पर संचालनालय पेंशन, भविष्य निधि एवं बीमा के सहायक प्रोगामर इंद्रमणि तिवारी से भी संपर्क किया जा सकता है।

ऐसे पेंशनर जिन्होंने अभी तक (माह नवम्बर 2014) जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, इस नई व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं।

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