भोपाल, नवम्बर 2014/ लोक-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नागरिकों से इबोला वायरस बीमारी के संबंध में वाट्स अप, ई-मेल एवं इंटरनेट पर फैलायी जा रही अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है। अपील में कहा गया है कि भारत में बीमारी का कोई मरीज अभी तक नहीं पाया गया है।

विभाग ने इबोला वायरस बीमारी से बचने की गई तैयारियों की जानकारी दी है। जानकारी में बताया गया है कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं यातायात परिवहन अधिकारी को अलर्ट कर दिया गया है। प्रभावित देशों से आने वाले यात्री एवं सम्पर्क में आये लोगों की गतिविधियों पर 30 दिन तक लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में एक-एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इन जगह पर सपोर्टिव दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

विभाग ने बतलाया है कि यह बीमारी संक्रमित पशुओं के निकट सम्पर्क में आने से मनुष्यों को होती है। एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में यह बीमारी पसीने, लार, संक्रमित खून के सीधे सम्पर्क में आने से फैलती है। बीमारी से प्रभावित व्यक्ति बुखार, सिर दर्द, जोड़ एवं मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, शरीर पर दाने, कमर, बदन तथा पेट दर्द होता है। बीमारी के लक्षण प्रकट होने में 3 सप्ताह तक का समय लग जाता है। प्रभावित व्यक्ति के शरीर में नसों से खून बाहर आना शुरू हो जाता है और अंदरूनी ब्लीडिंग प्रारंभ हो जाती है। इस वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड 2 से 21 दिवस का है।

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