भोपाल, नवम्बर 2014/ परिवार कल्याण कार्यक्रम को पूरी ऐहतियात से संचालित करने के निर्देश स्वास्थ्य संचालनालय ने जिलों के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए हैं। छत्तीसगढ़ में हुई नसबंदी शिविर की घटना के परिप्रेक्ष्य में ये निर्देश भेजे गए हैं। हालांकि पूर्व में ही प्रदेश में स्वास्थ्य अमला सजग और सतर्क है, फिर भी परिवार नियोजन (नसबंदी ऑपरेशन) के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अक्षरशः पालन और निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार कार्य करने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही सिर्फ डब्ल्यू.एच.ओ. जी एम पी प्रमाणित कंपनी से प्रदाय औषधियों के प्रयोग के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
यह भी हिदायत दी गई है कि लापरवाही पर कठोर कार्यवाही की जाएगी और अप्रमाणित संस्थान से औषधि खरीदने वाले दण्डित किये जायेंगे। परिवार कल्याण शिविर में भी 20-25 की सीमित संख्या तक ऑपरेशन के लिए कहा गया है। निर्देशों में विशेष रूप से गर्भवती, नवप्रसूता और शिशुवती माताओं के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने को कहा गया है। ये निर्देश सभी संबंधित तक भेजे गए हैं। ग्राम स्तर पर ममता अभियान के नारे ‘जो माता हमें जीवन देती है, हम उसे मरने नहीं देंगे’ एक संकल्प के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।
नसबंदी ऑपरेशन पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी प्रदेश में गत माह से बढ़ा दिया गया है। शासकीय संस्था में नसबंदी ऑपरेशन पर महिला हितग्राही को 1400 रुपये एवं पुरुष हितग्राही को 2000 रुपये देय होते हैं। इसी प्रकार महिला हितग्राही को प्रसव के बाद तुरंत या 7 दिन के भीतर शासकीय संस्था में नसबंदी ऑपरेशन पर 2200 रुपये देय है।
शासकीय संस्था में नसबंदी ऑपरेशन के लिए महिला हितग्राही को प्रेरित करने के लिए 200 रुपए एवं पुरुष हितग्राही को प्रेरित करने के लिए 300 रुपये देय हैं। इसी प्रकार महिला हितग्राही को प्रसव के बाद तुरंत या 7 दिन के भीतर नसबंदी ऑपरेशन करवाने के लिए प्रेरित करने पर 300 रुपये देय हैं।
शासकीय अस्पताल अथवा नर्सिंग होम को नसबंदी ऑपरेशन पर महिला एवं पुरुष हितग्राही के लिए 2000 रुपये देय हैं। इसी प्रकार निजी अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में नसबंदी ऑपरेशन करवाने पर महिला एवं पुरुष हितग्राही को 1000 रुपये की राशि देना निर्धारित है।