भोपाल, नवम्बर 2014/ मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विशेषताओं, विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य की विश्व-स्तरीय मार्केटिंग की जायेगी। यह अभियान सिंहस्थ महाकुंभ 2016 तक चलेगा। इस बीच मध्यप्रदेश की विश्व पर्यटन के नक्शे पर विशेष उपस्थिति दर्ज करवाने के लिये बड़े पैमाने पर पर्यटन आयोजनों की कार्ययोजनाएँ बनाई गई हैं। वर्ष 2015 के शासकीय केलेण्डर की विषय-वस्तु पर्यटन होगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में मध्यप्रदेश पर्यटन अभियान की समीक्षा की और महत्वपूर्ण पर्यटन आयोजनों का केलेण्डर तैयार कर तत्काल तैयारियाँ शुरू करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन-स्थलों को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिये विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश का सौंदर्य अभूतपूर्व है। यहाँ जलाशय, जंगल, वन्य-जीव, सांस्कृतिक विरासत और कला धरोहर सभी एकसाथ मौजूद हैं। इनकी जानकारी देश-विदेश के पर्यटकों को मिलना चाहिये। उन्होंने खजुराहो नृत्य महोत्सव को भी नये सिरे से आकल्पित करने को कहा। श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं पर्यटन-स्थलों का भ्रमण करेंगे। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पर्यटकों के लिये नागरिक सुविधाओं को मजबूत बनाया जायेगा।
श्री चौहान ने नर्मदा जयंती पर आयोजित दीपदान महोत्सव सहित प्रसिद्ध भगोरिया पर्व, मालवा क्षेत्र में गणेश विसर्जन, महाकौशल में दुर्गा पूजन जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि विदेशी पयर्टकों के लिये यह विशेष आकर्षण है। मुख्यमंत्री ने बरगी बाँध सागर, इंदिरा सागर, तवा जलाशय में पर्यटन गतिविधियाँ शुरू करने के निर्देश दिये।
सिंहस्थ महाकुंभ को अनूठी विश्व-स्तरीय पर्यटन गतिविधि के रूप में मार्केटिंग करने के निर्देश देते हुए श्री चौहान ने कहा कि अप्रवासी भारतीयों को भी सिंहस्थ दर्शन के लिये आमंत्रित किया जायेगा। उन्होंने इस आयोजन के दौरान योग एवं जलवायु परिवर्तन महिलाओं की स्थिति, सर्वधर्म समभाव, नैतिक शिक्षा जैसे विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार करने के निर्देश दिये। योग विद्या तथा आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार आयोजन के बारे में भी तैयारियाँ करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2016 के पहले सघन स्वच्छता अभियान चलाकर इसे ग्रीन कुंभ बनाने की तैयारियाँ करने को कहा। सिंहस्थ 2016 की अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग जर्मनी में मार्च 2015 से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट से होगी।
बैठक में बताया गया कि पचमढ़ी महोत्सव 25 दिसम्बर से शुरू होगा। राज्य स्तरीय झील महोत्सव 13 से 15 फरवरी 2015 के मध्य होगा। महोत्सव से पहले इंदिरा सागर, तवा जलाशयों में हाउस बोट आ जायेगी।
जल-पर्यटन के संबंध में 31 दिसम्बर से पहले वन विभाग नियम तैयार कर लेगा। पर्यटन क्षेत्र में निवेश आमंत्रित करने के लिये मुख्यमंत्री दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद में रोड-शो करेंगे। पर्यटन गतिविधियों और आयोजनों का केलेण्डर तैयार होगा। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये विशेष अभियान चलेगा। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री श्री हरिरंजन राव ने प्रस्तावित पर्यटन गतिविधियों के आयोजन की कार्य-योजनाओं की जानकारी दी।
बैठक में पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वन ए.पी. श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम राघवेन्द्र सिंह, संस्कृति संचालक श्रीमती रेणु तिवारी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।