भोपाल, अक्टूबर 2014/ गरीब तबकों के आर्थिक उत्थान के मक़सद से ग्रामीण अँचलों में गठित स्व-सहायता समूहों को बेंकिंग सुविधाएँ आसानी से मुहैया करवाने के लिये देश के सभी राज्य में बेंक मित्र योजना लागू होगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में मध्यप्रदेश में हुए बेहतर कार्यों को देखते हुए देश के अन्य राज्यों में भी बेंक मित्र योजना शुरू की जायेगी। राजधानी भोपाल में आज से आरंभ दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में देश के 16 राज्य से आये प्रतिनिधियों ने योजना के सफल क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के साथ ही गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तामिलनाडु, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश और बिहार से आये बेंक प्रतिनिधि तथा आजीविका मिशन के वरिष्ठ अधिकारी भागीदारी कर रहे हैं।

राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती शांति कुमारी ने मध्यप्रदेश में शुरू की गई बेंक मित्र व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि सभी राज्य एनआरएलएम के क्रियान्वयन की रणनीति में बेंक मित्र व्यवस्था को शामिल करें। बेंक मित्रों के चयन, क्षमता संवर्धन और बेंकिंग गतिविधियों से उन्हें जोड़ने के लिये कार्य-योजना शीघ्र तैयार की जाये। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में सभी राज्य चुनिंदा विकासखण्डों के चयनित क्षेत्र में योजना को प्रभावी रूप से लागू कर स्व-सहायता समूहों को बेंक लिंकेज सुविधा का लाभ दिलायें।

राज्य आजीविका फोरम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एल.एम. बेलवाल ने बताया कि बेंक मित्र व्यवस्था से ग्रामीणों और बेंकों के मध्य बेहतर समन्वय बना है। ग्रामीणों में बेंकों तक जाने की झिझक और भय मिटा है, वहीं बेंकों का ग्रामीणों के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ है। चूँकि बेंक मित्र का चयन समुदाय से ही किया जाता है, इससे बेंक लिंकेज और ऋण वापसी में आसानी हुई है। मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा शत-प्रतिशत ऋण वापसी की जाती है। श्री बेलवाल ने बताया कि ग्रामीण गरीबों के आर्थिक उत्थान के लिये आगामी 5 वर्ष में स्व-सहायता समूहों को 10 हजार करोड़ रुपये का बेंक लिंकेज मुहैया होगा। श्री बेलवाल ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये विभिन्न बेंक से मिल रहे सहयोग के लिये भी आभार जताया।

राज्य-स्तरीय बेंक सलाहकार समिति के समन्वयक श्री उमेश कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा सामूहिक आर्थिक उत्थान के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि विगत दिनों राज्य-स्तरीय बेंकर्स सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी स्व-सहायता समूहों के आर्थिक उत्थान के लिये बेंक मित्र योजना को सराहा है। श्री सिंह ने बेंक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे मल्टीपल हेण्डलिंग की जगह स्व-सहायता समूहों को एक ही बेंक से वित्तीय सुविधाएँ मुहैया करवाने पर ध्यान दें। समूहों को दूसरे और तीसरे चरण का बेंक लिंकेज भी समय पर मुहैया करवाये। इस मौके पर नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बेंक के चेयरमेन श्री राघवेन्द्र, नाबार्ड मध्यप्रदेश के मुख्य महाप्रबंधक श्री राजेन्द्र कुलकर्णी, पंजाब नेशनल बेंक के उप महाप्रबंधक श्री जुत्शी सहित विभिन्न राज्य से आये बेंक प्रतिनिधियों और बेंक मित्रों ने भी अपने अनुभवों को साझा किया। संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, नई दिल्ली के मिशन प्रबंधक श्री राजेन्द्र बाबू ने किया।

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