भोपाल, अक्टूबर 2014/ रोशनी के पर्व के पहले दिन धनतेरस को प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बिजली की आपूर्ति की गई। गत दिवस धनतेरस के दिन प्रदेश में 1759.35 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति सफलतापूर्वक की गई। पिछले वर्ष धनतेरस के दिन प्रदेश में 1742 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई थी।
इस वर्ष धनतेरस के दिन प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 8153 मेगावाट रही। धनतेरस के दिन रात्रि 10.50 बजे सर्वाधिक बिजली की मांग दर्ज की गई। वहीं पिछले वर्ष धनतेरस पर प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 8024 मेगावाट रही थी।
एमपी पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री मनु श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में फीडर सेपरेशन के अभी तक किए गए क्रियान्वयन से बिजली की उच्चतम मांग के समय में परिवर्तन हुआ है। बिजली की उच्चतम मांग का समय पूर्व में शाम 6.00 से रात्रि 10.00 बजे तक माना जाता था। फीडर सेपरेशन के कारण वह अब कृषि मांग के अनुसार रात्रि 10 से सुबह के चौथे पहर तक हो गया है।
प्रदेश में धन तेरस के दिन कंपनी के ताप विद्युत गृहों का उत्पादन 2380 मेगावाट एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन 675 मेगावाट रहा। इंदिरा सागर जल विद्युत गृह से 500 मेगावाट, ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना और सरदार सरोवर परियोजना से प्रदेश को 155-155 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। वहीं सेंट्रल सेक्टर से 2323 मेगावाट, डीवीसी से 348 मेगावाट और सेंट्रल सेक्टर के बदरपुर थर्मल पावर प्लांट से प्रदेश को 169 मेगावाट बिजली मिली। निजी विद्युत उत्पादकों सासन, जेपी बीना, जेपी निगरी, बीएलए, लेंको अमरकंटक और टोरेण्ट से प्रदेश को इस दौरान 1461 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। दीपावली के दिन प्रदेश में सभी क्षेत्रों में सुचारू और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।