भोपाल, अक्टूबर 2014/ विश्वविद्यालय के क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक जिले के लीड कॉलेज में जून-2015 तक क्षेत्रीय कार्यालय खोल दिया जाये। प्रशासक हैं तो निर्णय लेने में कोताही नहीं बरतें। पेपर बनाने और कॉपी जाँचने से इंकार करने वाले प्राध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह निर्देश विश्वविद्यालयों के कुलपति की बैठक में दिये। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालय की मॉनीटरिंग के लिये सहायक/उप रजिस्ट्रार की ड्यूटी लगाई जाये।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों पर भर्ती समय-सीमा में करें। कुलपतियों ने बताया कि कार्यवाही प्रचलन में है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती छात्रों की विषयवार प्रवेश संख्या के आधार पर पदों का युक्ति-युक्तकरण कर करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी फेकल्टी उनके द्वारा करवाये गये शोध और प्रकाशित रिसर्च पेपर की जानकारी शासन को भेजें। उन्होंने कहा कि यह जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाये। श्री गुप्ता ने कहा कि पी-एच.डी. का कार्य समय पर पूर्ण किया जाना चाहिये। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रति मंगलवार जन-सुनवाई कुलपति स्वयं करें। जन-सुनवाई में प्राप्त प्रकरणों पर हुई कार्यवाही की जानकारी प्रतिमाह भेजें।
श्री गुप्ता ने कहा कि रेगिंग को चुनौती के रूप में लें। हर हाल में इसे रोकें। रेगिंग करने वालों के प्रति कोई सदभावना नहीं रखें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण विश्वविद्यालय-स्तर पर ही करें। ऐसी नौबत नहीं आये कि विद्यार्थी को सी.एम. हेल्प-लाइन का सहारा लेना पड़े। श्री गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता अभियान को निरंतर जारी रखें। यह अभियान फोटो खिंचवाने के लिये नहीं है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में गाउन की जगह कोई दूसरा ड्रेस तय किया जाये। उन्होंने कहा कि इसके लिये विश्वविद्यालयों के कुलपति की समिति बनाई जाये। समिति के प्रतिवेदन के आधार पर नियम बनाये जायें। श्री गुप्ता ने कहा कि कक्षा में विद्यार्थियों और फेकल्टी की उपस्थिति सुनिश्चित करें। जरूरी हो तो टीचिंग मेथड बदलें। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के परीक्षा हॉल में सी.सी. टी.व्ही. केमरे लगवायें। उन्होंने कहा कि डीपीसी हर छह माह में करें। श्री गुप्ता ने छात्रावासों की मरम्मत के लिये भी कहा। कुलपतियों ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की बिन्दुवार जानकारी दी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी प्रायवेट कॉलेज का निरीक्षण करवाया जायेगा। शर्तें पूरी नहीं करने पर उनकी मान्यता का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेज खोलने की अनुमति क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के आधार पर ही की जायेगी। कॉलेज की जन-भागीदारी समिति को 50 लाख तक के तथा इसके ऊपर की राशि के कार्य स्वीकृत करने के अधिकार कमिश्नर उच्च शिक्षा को होंगे। संभाग-स्तर पर कॉमर्स कॉलेज खोले जायेंगे। श्री गुप्ता ने कहा कि सभी बड़े कॉलेज में कन्या छात्रावास बनवाये जायेंगे। बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री के.के. सिंह, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री सचिन सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।