मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि भोपाल और इन्दौर के बीच में एक औद्योगिक नगर विकसित करने के लिये भूमि चिन्हित की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कारीडोर परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस परियोजना से संबंधित विभिन्न कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कारीडोर के क्षेत्र में जहाँ शासकीय भूमि उपलब्ध है वहाँ सबसे पहले उद्योगों के लिये भूमि चिन्हित करें। साथ ही भोपाल-बीना, भोपाल-इन्दौर तथा जबलपुर-सिंगरोली इंडस्ट्रियल कारीडोर के कामों के विकास में भी तेजी लायी जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह भी निर्देश दिये कि भिण्ड, मुरैना और दतिया जिले में उद्योगों के लिये ए.बी.रोड के आस पास भूमि चिन्हित करें।

बैठक में उज्जैन के समीप बनने वाली नॉलेज सिटी की प्रगति की समीक्षा की गई। बताया गया कि सिटी के लिये भू-अर्जन की कार्रवाई जारी है। पीथमपुर के पास बनने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के संबंध में विशेष आर्थिक क्षेत्र पीथमपुर की रिक्त भूमि लेने पर सहमति दी गई। इसी तरह इन्दौर एयरपोर्ट से पीथमपुर के बीच प्रस्तावित इकानामिक कारीडोर के लिये सैद्धांतिक सहमति दी गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री पी.के.दाश सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

उद्योगपतियों से मुलाकात

इसके पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्योगपतियों से मुलाकात के नियमित कार्यक्रम के तहत आज हैदराबाद के माय होम इंडस्ट्रीज के प्रबंध संचालक जे. रंजीत राव से मुलाकात की। यह समूह सतना जिले में पाँच मिलियन टन क्षमता वाला सीमेंट प्लांट लगाना चाहता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने और लोगों को रोजगार दिलाने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।

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