भोपाल, अक्टूबर 2014/ शुक्रवार का दिन मध्यप्रदेश के लिए नया इतिहास लेकर आया। मध्यप्रदेश के विदिशा के मूल निवासी और बचपन बचाओ आंदोलन के मुखिया कैलाश सत्यार्थी को अफगानिस्तान की मलाला युसूफजई के साथ संयुक्त रूप से शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबल पुरस्कार मिलने पर दिली खुशी जाहिर की है। श्री चौहान ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और विशेष रूप से मध्यप्रदेश के लिये आज गौरव का दिन है। विदिशा में जन्में श्री सत्यार्थी ने नोबल पुरस्कार का वैश्विक सम्मान पाकर पूरे मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है। श्री चौहान ने कहा कि श्री सत्यार्थी बच्चों के कल्याण के लिये पूर्ण रूप से समर्पित समाजसेवी हैं।
जनसम्पर्क मंत्री की भी बधाई
जनसम्पर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने विदिशा में जन्में श्री कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार मिलने पर हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि श्री सत्यार्थी द्वारा समर्पण भावना से की गई सेवा का सम्मान है। श्री शुक्ल ने श्री सत्यार्थी को शांति पुरस्कार से नवाजे जाने को देश की उल्लेखनीय उपलब्धि बताया है। श्री शुक्ल ने कहा है कि इससे प्रदेश का गौरव बढ़ने के साथ ही मान भी बढ़ा है।