भोपाल, अक्टूबर 2014/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उदघाटन समारोह के अपने संबोधन में मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने केन्द्र की घोषणाओं पर त्वरित अमल किया है। श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र ने मेक इन इण्डिया के तहत देश में रक्षा उत्पादों के निर्माण की घोषणा की और मध्यप्रदेश ने रक्षा उत्पाद के निर्माण की नीति बना ली। यह देश के रक्षा उत्पादों के लिये महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह केन्द्र ने डिजिटल इण्डिया की घोषणा की और मध्यप्रदेश में दो इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग सेंटर का शिलान्यास हो गया। केन्द्र की प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बहुत ही कम समय में मध्यप्रदेश में 36 लाख खाते खोल दिये गये और इसमें एक कदम आगे बढ़कर परिवार को इकाई के रूप में जोड़ दिया।

प्रधानमंत्री ने जब मध्यप्रदेश की सराहना की तो, समारोह स्थल करतल ध्वनि से गूँज उठा। इस पर श्री मोदी ने कहा कि मैं यह सब अपनी जानकारी के आधार पर कह रहा हूँ। कोई लिखित भाषण नहीं पढ़ रहा हूँ। यह भी कि वे चुनाव के बाद पहली बार मध्यप्रदेश आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्पष्ट नीति, मकसद पाने का इरादा और दिशा निर्धारित हो तो बीमारू राज्य भी प्रगतिशील हो सकता है। इसका उदाहरण मध्यप्रदेश है। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जो देश की कुल जैविक खेती में 40 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। मध्यप्रदेश ‘मेक इन इण्डिया” की अवधारणा कम लागत, अधिक उत्पादन, प्रभावी शासन और उचित अधोसंरचना को पूरा करता है। श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के नेतृत्व और टीम वर्क की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश की ताकत राज्यों में निहित होती है और जो राज्यों की ताकत समझता है, वही देश आगे बढ़ सकता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि नई दिल्ली में 100 ग्लोबल समिट के आयोजन से देश का विकास नहीं हो सकता। उनका कहना था कि विकास इंदौर जैसी जगहों पर आयोजित समिट से ही संभव होगा।

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