भोपाल, अक्टूबर 2014/ मध्यप्रदेश में जन-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मोड में 36,000 करोड़ लागत की 200 से अधिक परियोजना विभिन्न चरण में हैं। इनमें 70 प्रतिशत परियोजनाएँ सड़कों से संबंधित हैं। वित्त मंत्री श्री जयन्त मलैया ने यह जानकारी आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ‘मध्य प्रदेश में पीपीपी में निवेश के अवसर’ विषयक सेक्टोरल सेमीनार में दी।

श्री मलैया ने बताया कि पीपीपी मोड में कार्य करने वाले देशों में मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति बहुत तेज है। राज्य सरकार उद्योग-व्यवसाय को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने हर सेक्टर के लिए नीतियाँ बनाई हैं। इस संदर्भ में उन्होंने उद्योग संवर्धन नीति, पर्यटन और अन्य नीतियों में किये गए संशोधनों का विस्तार से उल्लेख किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजय नाथ भी उपस्थित थे।

आयुक्त संस्थागत वित्त एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने मध्यप्रदेश में पीपीपी के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों पर एक प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी सेक्टर में पी पी पी को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने पर्यटन, परिवहन, वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, स्टील सायलो, इलेक्ट्रॉनिक्स, शहरी परिवहन, सिटी सर्विस इन्दौर, ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं, गरीबों के लिए मकानों के निर्माण आदि क्षेत्रों का विशेष रूप से जिक्र किया। बताया गया कि पीपीपी परियोजनाओं को तेज गति से क्रियान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक केबिनेट कमेटी है। इसके अलावा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक साधिकार समिति भी कार्य कर रही है। प्रदेश में बहुत अच्छा पीपीपी सेल है। पीपीपी परियोजनाओं को अनुदान और वायेबिलिटी गेप फंडिंग के लिए दो कोष स्थापित हैं।

भारत में पीपीपी अवधारणा के जनक पूर्व आईएएस अधिकारी श्री गजेन्द्र हल्दिया ने पीपीपी के क्षेत्र में अपने अनुभवों को बताया। उन्होंने उद्यमियों से मध्यप्रदेश पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा। श्री हल्दिया ने मध्यप्रदेश सरकार की विकास के लिए प्रतिबद्धता तथा राजनैतिक नेतृत्व की खासतौर पर प्रशंसा की। श्री हल्दिया ने कहा कि मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर की सफलता के लिए अधोसंरचना बहुत आवश्यक है। उद्यमियों को मध्यप्रदेश में अधोसंरचना विकास के लिए निवेश करना चाहिये।

आज कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसिबिलिटी, हाउ ग्रेट लीडर्स इंस्पायर एक्शन विषयों पर भी सेक्टोरल सेमीनार और आस्ट्रेलिया का कंट्री सेशन भी हुआ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here