भोपाल, अक्टूबर 2014/ इंदौर में शुरू हुई 3 दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के सम्मेलन से हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने की। सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री श्री कलराज मिश्र ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिये अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएँ की।
म.प्र. में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिये अलग मंत्रालय बनेगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड का गठन होगा।
उद्यमियों को प्रशिक्षण देने के लिये प्रदेश में 30 से 40 इनक्यूबेशन केन्द्र खोले जायेंगे।
150 करोड़ की लागत से टूल रूम स्थापित किया जायेगा।
पूरे देश में 500 इनक्यूबेशन केन्द्र तथा 15 टूल रूम खोले जा रहे हैं।
प्रदेश में उद्योग व्यवसायों के लिये स्व-घोषित एक ही रिटर्न जमा करने की योजना लागू।
लायसेंस रजिस्ट्रेशन देने की समय-सीमा निर्धारित होगी।
16 श्रम अधिनियम के तहत संधारित की जाने वाली 61 पंजी के स्थान पर एक ही पंजी की व्यवस्था लागू।
अब 13 रिटर्न के स्थान पर 2 रिटर्न ही भरने होंगे।
नौ श्रम कानून के प्रावधानों से सूक्ष्म उद्योगों को छूट की व्यवस्था।
लघु उद्योगों पर 50 से अधिक श्रमिकों की संख्या होने पर ही लागू होगा स्टेण्डिंग आर्डर।
नवाचारी उद्यमों के लिये 100 करोड़ रुपये का वेंचर फण्ड स्थापित होगा।
लघु और कुटीर उद्योगों के लिये औद्योगिक क्षेत्रों में न्यूनतम 20 प्रतिशत भूमि आरक्षित होगी।
बड़े उद्योगों के साथ सहायक इकाई के रूप में कार्यरत लघु उद्योग को बड़े उद्योगों जैसी छूट की व्यवस्था।
लघु उद्योगों के लिये ब्याज अनुदान की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 35 लाख हुई।
विशेष पेकेज के लिये जिलों के स्थान पर विकासखण्ड को पिछड़ा मानकर उद्योग लगाने की विशेष सुविधा।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से सहमति का आवेदन फूड एण्ड ड्रग कंट्रोलर से अनुमति और लायसेंस प्राप्त करने की ऑनलाइन व्यवस्था।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से सहमति का नवीनीकरण अब 5 से 15 साल के लिये वैध होगा।
उत्पाद निर्माण का प्रमाणीकरण अब 5 साल में एक बार।
परफार्मेंस सर्टिफिकेट अब तीन दिन में होगा जारी।
‘लैंड बेंक-2014” पुस्तिका का विमोचन।