भोपाल, सितम्बर  2014/ राज्य शासन द्वारा भोपाल में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान सुशासन एवं नवाचार की दिशा में एक अभिनव पहल है। संस्थान की स्थापना का खास मकसद सुशासन के क्षेत्र में वैश्विक एवं स्थानीय परिप्रेक्ष्य में एक ‘थिंक टेंक’ के रूप में कार्य करना, शासकीय नीतियों का विश्लेषण तथा लक्षित समूह पर उनके प्रभाव का आकलन, लोक प्रशासन के विभिन्न आयाम का विश्लेषण, समस्याओं का चिन्हांकन कर उनका समाधान सुझाना, प्रचलित प्रशासनिक व्यवस्था एवं स्वरूप में सुधार एवं परिवर्तन संबंधी परामर्श देना है। साथ ही प्रशासन को जन-केन्द्रित और अधिक जनोन्मुखी बनाने के लिये एक उपयुक्त मंच उपलब्ध करवाना है।

संस्थान द्वारा प्रदेश में संचालित 20 से अधिक योजना और कार्यक्रमों – आजीविका परियोजना, पंचायत राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की क्षमता विकास कार्यक्रम, लाड़ली लक्ष्मी, तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण, जननी सुरक्षा, बलराम तालाब, माइक्रो सिंचाई, कपिलधारा, राष्ट्रीय कृषि बीमा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कृषकों का प्रशिक्षण, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना, गरीब युवाओं को रोजगार के लिये प्रशिक्षण, हरित क्राँति आदि के प्रभावों का अध्ययन, आकलन कर रिपोर्ट एवं सुझाव प्रस्तुत किये गये हैं। देश एवं प्रदेश स्तर पर चयनित बेहतर कार्य पद्धति (Best Practices) को संकलन के रूप में उपलब्ध करवाया गया है।

प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से संस्थान द्वारा ‘आइडियाज फॉर सीएम’ की पहल के जरिये आम जन को सुशासन एवं विकास की वैचारिक प्रक्रिया से जोड़ने और प्रदेश के विकास की प्रक्रिया में उनके अनुभव का लाभ लिया जा रहा है।

इसी क्रम में कार्य-स्थल पर ‘मानवीय संबंध एवं व्यक्तिगत प्रभाव के विकास’ पर अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों के निराकरण के लिये मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में संशोधन सुझाये गये हैं। संस्थान द्वारा राज्य एवं जिला आपदा प्रबंधन संबंधी योजना बनाने के साथ लोक सेवा गारंटी अधिनियम में स्थापित 335 लोक सेवा केन्द्र के सर्वेक्षण का काम किया गया है।

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