भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश शासकीय अस्पतालों में रोगियों को नि:शुल्क दवाओं के साथ ही नि:शुल्क चिकित्सीय जाँच, पौष्टिक भोजन और अस्पताल तक आने के लिए परिवहन सुविधा देने वाला प्रथम प्रदेश है। मध्यप्रदेश में दो वर्ष पहले सरदार वल्लभभाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना लागू की गई। योजना का लाभ लगभग 5 लाख रोगियों को मिल रहा है। प्रति सप्ताह विभागीय योजनाओं की पेपरलेस बैठक में ई समीक्षा की जाती है।
प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा और जननी एक्सप्रेस सहित लगभग 1500 वाहन संचालित हैं, जो रोगियों को गंभीर दशा में स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचाते हैं। अस्पतालों में दिए जाने वाले भोजन की राशि में भी वृद्धि की गई है।
प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल में अब किडनी रोग से पीड़ित रोगी को डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके साथ ही केंसर रोगियों के लिए कीमोथेरेपी की व्यवस्था भी होगी। प्रदेश में शीघ्र ही 1000 नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ होंगे।
देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी योजना लागू करने वाला भी मध्यप्रदेश पहला प्रदेश होगा। प्रथम चरण में 13 तरह की स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी नागरिकों को प्रदान की जायेगी। मध्यप्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाएँ उपलब्ध करवाई गई हैं। प्रतिदिन लगभग 50 हजार रोगी की पैथालॉजी जाँच भी शासकीय अस्पताल में हो रही है। प्रदेश में 48 हजार 946 ग्राम आरोग्य केंद्र संचालित हैं। कुल 47 हजार 959 स्वास्थ्य समितियाँ ग्राम को केंद्र बनाकर उपचार और स्वास्थ्य मार्गदर्शन का कार्य कर रही हैं। प्रदेश के लगभग 87 हजार मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को विशेष सिम द्वारा क्लोज यूजर ग्रुप से जोड़ा गया है। इससे ग्राम स्तर पर किसी भी तरह के रोग के चिन्ह मिलते ही नियंत्रण के आवश्यक उपाय प्रारंभ हो जाते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में स्वास्थ्य विभाग आगे है।