भोपाल, सितम्बर  2014/ राज्य शासन ने अध्यापक संवर्ग में संविलियन की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिये अध्यापक संवर्ग में महिला, विकलांग एवं परस्पर अध्यापकों का अंतर्निकाय संविलियन करने के संबंध में आज आदेश जारी किया गया।

निर्णय के अनुसार अध्यापक संवर्ग की महिला, 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्तजन एवं परस्पर अंतर्निकाय संविलियन ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से रिक्त स्थान की उपलब्धता के आधार पर होगा। पारस्परिक सेवाओं का संविलियन समान वर्ग और विषय के अध्यापकों के बीच होगा। केवल जिला पंचायत एवं जनपद में कार्यरत महिला, नि:शक्तजन एवं पारस्परिक संविलियन के लिये एक ही निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की पात्रता होगी। नगरीय निकाय में एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की कार्रवाई पर प्रतिबंध रहेगा। संविलियन के लिये आवेदक को ऑनलाईन आवेदन करना होगा। अब आवेदक को अनापत्ति प्रमाण-पत्र केवल कार्यरत निकाय (नियुक्तिकर्ता) से ही प्राप्त करना होगा। आवेदक की नियुक्ति यदि नि:शक्तजन कोटे से हुई है, तो ही एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन की पात्रता होगी।

अंतर्जिला या जिले में संविलियन चाहे जाने पर निकाय की अधिकतम पाँच शाला के नाम डाइस कोड सहित देना होंगे। एजुकेशन पोर्टल पर डीईओ द्वारा संविदा शाला शिक्षक श्रेणी एक, दो एवं तीन सीधी भर्ती के रिक्त पदों को विषयवार, संस्थावार डाइस कोड सहित तथा प्रवर्गवार ऑनलाईन द्वारा प्रदर्शित किया जायेगा। एजुकेशन पोर्टल पर ऑनलाईन अध्यापक संवर्ग के संविलियन के लिये आवेदन और अनापत्ति प्रमाण-पत्र का प्रारूप उपलब्ध रहेगा। आवेदक को जिन अभिलेखों को ऑनलाईन स्केन कर अपलोड करना होगा उनमें कार्यरत निकाय से प्राप्त मूल अनापत्ति प्रमाण-पत्र, नियुक्ति आदेश की सत्यापित प्रति अध्यापक संवर्ग में संविलियन/नियुक्ति होने का आदेश शामिल हैं।

पात्र अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों के संविलियन का क्रम इस प्रकार रहे; महिला वर्ग – केंसर, ब्रेन टयूमर, गुर्दा प्रत्यारोपण, ओपन हार्ट अथवा बायपास सर्जरी एवं लकवाग्रस्त, महिला एवं पुरूष वर्ग में विकलांग श्रेणी तथा महिला वर्ग में विधवा अथवा वैधानिक तलाकशुदा, महिला वर्ग में पात्र अध्यापक संवर्ग को संविलियन के लिये संबंधित बीमारी का मेडिकल बोर्ड से चिकित्सा प्रमाण-पत्र, नि:शक्तजन कोटे में नियुक्ति पत्र एवं प्रमाण-पत्र तथा विधवा महिला के लिये पति की मृत्यु का प्रमाण-पत्र और तलाकशुदा होने पर वैधानिक प्रमाण-पत्र अपलोड करने पर ही प्राथमिकता मिलेगी। पात्र अध्यापक संवर्ग में समान संवर्ग श्रेणी एवं नियुक्ति तिथि होने पर अधिक उम्र के आवेदक को प्राथमिकता दी जायेगी। शासन ने अंतर जिला एवं जिला अंतर्गत संविलियन की अनुमति के अधिकार भी निर्धारित किये हैं। इसके अनुसार अंतर जिला संविलियन की अनुमति के अधिकार स्कूल शिक्षा के लिये आयुक्त लोक शिक्षण और आदिम जाति कल्याण विभाग के लिये आयुक्त आदिवासी विभाग को रहेगा। इसी तरह जिले में संविलियन की अनुमति का अधिकार प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर को होगा।

संविलियन के आदेश जारी होने के बाद संबंधित अध्यापक को कार्यमुक्त किया जायेगा। एक निकाय से दूसरे निकाय में संविलियन होने पर अध्यापक की वरिष्ठता उस निकाय में जिसमें उसका संविलियन किया गया है संबंधित संवर्ग में सबसे कनिष्ठ मानी जायेगी।

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